
Manipur CM N Biren Singh Resigns: एन बीरेन सिंह ने रविवार को मणिपुर के सीएम पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. इससे पहले वह आज सुबह दिल्ली गए थे, जहां पर गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी. राज्य में बीते दिनों शुरू हुई हिंसा के बाद विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था. माना जा रहा है कि एन बीरेन सिंह ने अपने नेतृत्व के खिलाफ राज्य भाजपा में असंतोष को कम करने के लिए इस्तीफा दे दिया है.
विधायकों और सांसदों के साथ पहुंचे राजभवन
एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि राज्य के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात है. अधिकारियों ने बताया कि 9 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. बीरेन सिंह के साथ भाजपा और एनपीएफ के 14 विधायक भी थे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ए.शारदा और बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.
कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की कही थी बात
बता दें कि मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने शुक्रवार को कहा था कि विधानसभा में एन. बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं. एक अन्य विपक्षी पार्टी एनपीपी के सात विधायक हैं. मणिपुर में बीजेपी के 32 विधायक और नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के छह विधायक हैं. साठ सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में तीन निर्दलीय विधायक और कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायक भी हैं.
सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच मतभेद
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लगभग 12 विधायक नेतृत्व परिवर्तन पर जोर दे रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की बात सामने आई. संभावना थी कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले विधायक फ्लोर टेस्ट के मामले में पार्टी व्हिप की अवहेलना कर दें. उसी संभावना को टालने के लिए एन बीरेन सिंह ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के बाद सीएम पद से इस्तीफा दिया है.
इससे पहले शनिवार को एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. डीजीएआर (महानिदेशक असम राइफल्स) पुरुष और महिला पोलो चैंपियनशिप-2025 के समापन समारोह में उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए संयुक्त रूप से कई कदम उठाए हैं.
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