Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान नागा सन्यासियों का अंदाज देखने लायक होता है. चारो तरफ से हर-हर महादेव का जयघोष के साथ नागा सन्यासी अपने अखाड़े के पीछे-पीछे चल रहे थे. सुरक्षा में जवान चल रहे थे. ढोल के थाप पर नागा सन्यासी थिरक रहे थे. दृष्य को देखकर हर कोई ठहर जा रहा था. नागा सन्यासी का वेश-भूषा देखने लायक होता है. नागा सन्यासियों का शृंगार बहुत ही खास होता है.
विशेष होता है नागा सन्यासियों का शृंगार
नागा सन्यासियों का शृंगार 17 तरह का होता है. जो बहुत ही विशेष होता है. नागा सन्यासियों का अमृत स्नान बहुत ही महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाता है. नागा सन्यासी स्नान से पहले शरीर पर भस्म लगाते हैं. भस्म उनके आध्यात्मिक स्वरूप और साधना का प्रतीक है. इसके बद पंचकेश करते हैं. जिन सन्यासी का बाल होता, वे उन्हें संवारते हैं. बालों के शृंगार के बाद रोली, तिलक और चंदन लगाते हैं.
रुद्राक्ष का माला पहनते हैं
नागा सन्यासी गले में रुद्राक्ष की माला पहनते हैं. कलाई में कड़ा. हाथ में चिमटा, डमरू और कमंडल रखते हैं. हालांकि, दिगंबर नागा वस्त्र नहीं पहनते हैं. लेकिन, कुछ संत लंगोट या कोपिन पहनते हैं. शिविर से जब स्नान के लिए नागा सन्यासी निकलते हैं तो पूरी तरह भक्ति भाव में डूबे रहते हैं. इसके बाद संगम में डुबकी लगाते हैं.
नागा साधु ये शृंगार करते हैं
- भभूत- नागा साधु अपने शरीर पर भभूत लगाते हैं
- चंदन- नागा साधु हाथ, माथे और गले में चंदन का लेप लगाते हैं
- रुद्राक्ष- नागा साधु सिर, गले और बाजुओं में रुद्राक्ष की माला पहनते हैं
- तिलक- माथे पर तिलक लगाते हैं
- सूरमा- आंखों ममें सूरमा लगाते हैं
- कड़ा- हाथ, पैर और बाजू में कड़ा पहनते हैं
- चिमटा- नागा हाथ में चिमटा रखते हैं, जो उनका अस्त्र माना जाता है
- डमरू- कुछ साधु हाथ में डमरू रखते हैं
- कमंडल- नागा साधु अपने साथ कमंडल रखते हैं
- जटा- नागा साधुओं की जटाएं भी एकदम अनोखी होती है. जटाओं को पांच बार लपेटकर पंचकेश शृंगार किया जाता है.
- लंगोट- भगवा लंगोट पहनते हैं
- अंगूठी- अंगुलियों में अंगूठी पहनते हैं
- रोली- माथे पर रोली का लेप लगाते हैं
- कुंडल- चांदी या सोने के बड़े-बड़े कुंडल पहनते हैं
- माला- कमर में माला पहनते हैं
- मधुर वाणी- मधुर वाणी नागाओं का शृंगार का अहम हिस्सा होता है
- साधना- विश्वमंगल की कामना जो करते हैं, उसे भी शृंगार माना जाता है