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This Article is From Jan 02, 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे 3 फीट के गंगापुरी बाबा, 32 साल से नहीं क‍िया स्‍नान; बताई वजह

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से शुरू होगा. साधु-संत प्रयागराज पहुंचने लगे हैं. आज हम आपको ऐसे ही बाबा से रूबरू कराएंगे. ज‍िनका नाम है गंगापुरी माहाराज और उनकी 3 फीट उनकी हाइट है. 

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे 3 फीट के गंगापुरी बाबा, 32 साल से नहीं क‍िया स्‍नान; बताई वजह

Prayagraj Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में अखाड़े पहुंचने लगे हैं. नागा सन्‍यासी छावन‍ियों में दाख‍िल हुए. एक ऐसे ही संत गंगापुरी महाराज महाकुंभ में पहुंचे हैं. गंगापुरी महाराज असम की कामाख्‍या पीठ से जुड़े हैं.  उन्होंने 32 साल से स्‍नान नहीं क‍िया है. उन्होंने बताया क‍ि उनका एक संकल्प ल‍िया है, जो गुप्‍त है. क‍िसी के बता नहीं सकते हैं. गंगापुरी महाराज ने बताया क‍ि संकल्‍प पूरा होने पर उज्‍जैन में क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाएंगे.  

छोटी हाइट को ताकत मानते हैं गंगापुरी बाबा 

गंगापुरी बाबा की 57 साल के हैं. उनकी हाइट 3 फीट है, 5-6 साल के बच्‍चे के बराबर है. वो अपनी हाइट को ताकत मानते हैं. उन्होंने बताया हाइट की वजह से लोग उनसे म‍िलने के ल‍िए आते हैं. सेल्फी लेते हैं. इसल‍िए बहुत अध‍िक बाहर नहीं न‍िकलते हैं. छ‍िपकर भजन करते हैं. उन्होंने कहा क‍ि बाहरी शुद्धता से अध‍िक अंदर की शुद्धता जरूरी है. 

महाकुंभ में पहली बार आए गंगापुरी बाबा 

गंगापुरी महाराज पहली बार महाकुंभ आए. अभी तक कोई स्‍थायी श‍िव‍िर नहीं मिला है. कभी क‍िसी संत के श‍िव‍िर में रहते हैं तो कभी दूसरे संत के. सरकार उन्हें कोई एक शिव‍िर देगी ऐसी उम्‍मीद है. उनका कहना है क‍ि महाकुंभ में आए जरूर हैं, लेक‍िन स्‍नान नहीं करेंगे. 

शाही स्‍नान के द‍िन 

महाकुंभ में कुल छह स्नान हैं.  इनमें तीन शाही स्नान और तीन मुख्य स्नान हैं.  वैसे तो पूरे कुंभ में हर दिन स्नान करने का पुण्य मिलता है, लेकिन शाही स्नान के दिन का विशेष महत्व है.  इस बार स्नान की मुख्य तिथियां ये हैं:

  • 13 जनवरी, 2025: पौष पूर्णिमा - इस दिन महाकुंभ मेले का अनौपचारिक उद्घाटन होता है.  इसके अतिरिक्त, पौष पूर्णिमा कल्पवास की शुरुआत का प्रतीक है, जो महाकुंभ मेले के दौरान तीर्थयात्रियों द्वारा की जाने वाली गहन आध्यात्मिक साधना और भक्ति का समय है. 
  • 14 जनवरी, 2025: मकर संक्रांति (शाही स्नान) - मकर संक्रांति हिंदू कैलेंडर के अनुसार सूर्य के अगले खगोलीय स्थान पर संक्रमण का प्रतीक है.  यह शुभ दिन महाकुंभ मेले में दान-पुण्य की शुरुआत का प्रतीक है.  
  • 29 जनवरी, 2025: मौनी अमावस्या (शाही स्नान) - मौनी अमावस्या का दिन बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह माना जाता है कि पवित्र नदी में स्नान के पवित्र कार्य के लिए आकाशीय संरेखण सबसे अनुकूल हैं. 
  • 3 फरवरी, 2025: बसंत पंचमी (शाही स्नान) - बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है और हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्ञान की देवी सरस्वती के आगमन का जश्न मनाती है.  भक्त स्नान करते हैं और चमकीले पीले रंग के परिधान पहनते हैं, जो इस शुभ अवसर के महत्व को दर्शाता है.  
  • 12 फरवरी, 2025: माघी पूर्णिमा - यह दिन ऋषियों और संन्यासियों की एक महीने की तपस्या अवधि के अंत का प्रतीक है.  इस दिन पवित्र जल में डुबकी लगाने से महान आध्यात्मिक लाभ मिलने की उम्मीद है. 
  • 26 फरवरी, 2025: महाशिवरात्रि - महाकुंभ का अंतिम दिन महाशिवरात्रि है जो भगवान शिव के विवाह का सम्मान करता है और आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. 

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