Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) आज नीति आयोग की बैठक (NITI Aayog meeting) में शामिल होंगे. शासी परिषद की दिल्ली में आयोजित होने वाली यह 9वीं बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) करेंगे. इस मीटिंग में विकसित भारत से जुड़े मुद्दे और उन्हें पूरा करने के लिए वित्तीय जरूरतों पर चर्चा होगी. भारतीय जनता पार्टी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री आज होने वाली नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार देर रात ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए.
गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने आगमन पर कहा कि वह राज्य के मुद्दों को नीति आयोग के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा, 'नीति आयोग की बैठक में एक राज्य के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होती है. हम गोवा की मांगों और मुद्दों को नीति आयोग के सामने रखेंगे.उसके बाद मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन भी है. इसमें सीएम 13 फ्लैगशिप कार्यक्रमों की समीक्षा करते हैं. उन कार्यक्रमों में गोवा सदैव आगे रहा है.' उनके अलावा छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी देर रात दिल्ली पहुंच गए.
#WATCH | Rajasthan CM Bhajanlal Sharma arrives in Delhi, ahead of the NITI Aayog meeting tomorrow. pic.twitter.com/7yUDHsabOE
— ANI (@ANI) July 26, 2024
इस वर्ष बैठक की थीम 'विकसित भारत@2047' है, जिसका मुख्य फोकस भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत@2047 पर विज़न दस्तावेज़ के दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी. बयान के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है. बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा. सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयों पेयजल: पहुंच, मात्रा तथा गुणवत्ता; बिजली: गुणवत्ता, दक्षता तथा विश्वसनीयता; स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य तथा देखभाल की गुणवत्ता; स्कूली शिक्षा: पहुंच तथा गुणवत्ता तथा भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण तथा उत्परिवर्तन पर सिफारिशें की गईं थीं.