Union Budget 2025 : अब 12 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना होगा. आखिर ये 12 लाख रुपये का आंकड़ा कैसे आया? बजट के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने पहले इंटरव्यू में NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से हुई खास बातचीत में कहा कि ये काफी सोच-विचार कर लिया गया फैसला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया, "मिडिल क्लास में ये चर्चा बहुत होती है कि आखिर उन्हें क्या मिला. हमारा फोकस हर बार हर क्षेत्र के लोगों पर रहता है. इस बार हमने यह देखा कि कम से कम एक लाख रुपये कमाने वालों के लाइफस्टाइल कैसा हैं? ये लोग कैसे रहते हैं. कैसा लाइफस्टाइल मेंटेन करते हैं? ये सब देखने के बाद हम इस निर्णय पर पहुंचे कि हर महीने 1 लाख रुपये कमाने वालों को छूट दी जाए."
"भारत का फंडामेंटल आज ठीक है"
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "भारत का फंडामेंटल आज ठीक है और इसके लिए पीएम मोदी पहले से ही हमें गाइडेंस देते रहे. वो हमें फंडामेंटल स्ट्रॉन्ग करने की सलाह देते रहे. उन्होंने इसमें एक यह पहलू भी शामिल किया कि मध्यम वर्ग जो हमारे टैक्स पेयर हैं, उनके लिए हमें कुछ करना है लेकिन सवाल ये था कि क्या करना है. इस पर उन्होंने हमें काम करने के लिए कहा था."
"इस बार मिडिल क्लास को भी फोकस किया गया"
वित्तमंत्री ने कहा कि उन्होंने शुरुआत से ही मध्यम वर्ग का ध्यान रखने के लिए कहा था. जब उनसे पूछा गया कि हमेशा से ही बजट में गरीबों पर अधिक फोकस रहा है और इसमें मिडल क्लास निगलेक्ट हो रहा था लेकिन इस बार उनपर भी फोकस किया गया है. इस का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "पीएम मोदी 2020-21 से ही ईमानदारी से टैक्स देने वालों की पहचान के लिए फेसलेस लेकर आए, इनकम टैक्स चार्टर लेकर आए, साथ ही समय पर टैक्स भरने वाले टैक्सपेयर्स को हमने सर्टिफिकेट भी भिजवाए हैं.
"टैक्स पेयर का सम्मान हमेशा से ही मोदी के मन में रहा है"
साथ ही नियमित रूप से टैक्स भरने वालों को भी सर्टिफिकेट भेजा जाता है. टैक्स पेयर का सम्मान और पहचान हमेशा से ही पीएम मोदी के मन में रहा है और इस समय दुनिया की तुलना में हम फास्टेट ग्रोइंग इकॉनोमी रह रहे हैं और आईएमएफ वर्ल्ड बैंक के नजरिए में हम अगले साल भी फास्टेट ग्रोइंग रहेंगे और इस संदर्भ में हम टैक्स पेयर के सम्मान के लिए काम कर सकते हैं, इस गाइडेंस का हमने ध्यान रखा है".
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