Loksabha elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव में महिला वोटर्स इस बार जीत की सूत्रधार बन सकती हैं . ऐसा इसलिए संभव हो सकता है, क्योंकि चुनावी इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में महिला वोटर्स हिस्सा लेंगी. अब तक कुल 96.88 करोड़ मतदाता रजिस्टर हुए हैं, जिनमें महिला वोटर्स की संख्या रिकॉर्ड 47.1 करोड़ तक पहुंच गई है. महिला वोटर्स की बढ़ी संख्या को देखते हुए मोदी सरकार आगामी 8 मार्च को कोई बड़ा ऐलान कर सकती है.
इसी क्रम में आज PM मोदी स्वंय सहायता समूह की 11 करोड़ महिलाओं से वर्चुअल संवाद करेंगे, जिसमें राजस्थान की लगभग 50 लाख स्वंय सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहेंगी. यह कार्यक्रम राजस्थान की सभी 11,500 ग्राम पंचायतों के अलावा नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम के 500 स्थानों सहित कुल 12000 स्थानों पर आयोजित होंगे.
इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश प्रभारी मोतीलाल मीणा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी सांगानेर विधानसभा के कृषि अनुसंधान केंद्र दुर्गापुरा में कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे. इस कार्यक्रम में लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं शामिल होंगे. प्रत्येक कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रवास सुनिश्चित किए गए हैं.
लोकसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती हैं महिला वोटर
लोकसभा चुनावों में ज़्यादातर सीटों पर महिला वोटर्स के रूख निर्णायक हो सकते हैं. इनमें से कई महिलाएं राजनीतिक नेतृत्व में भी शायद देखने को मिले. यही वजह है कि राजनीतिक दलों में इनका समर्थन हासिल करने के लिए खींचतान भी तेज हो गई है. इसी कवायद में पीएम मोदी महिला दिवस पर कुछ अहम घोषणाएं कर सकते हैं.
6 महीने में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई अहम फैसले
मोदी सरकार ने पिछले 6 महीने में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई अहम फैसले किए हैं. संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाला महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित किया गया. अंतरिम बजट 2024-25 में लैंगिक बजट में 38.6% की बढ़ोतरी की गई. लखपति दीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढाकर 3 करोड़ कर दिया गया.
मोदी सरकार का फोकस गरीब महिलाओं के उत्थान
महिलाओं वोटर्स की देश में बढ़ी संख्या और चुनाव में उनकी भूमिका पर चर्चा करते हुए बीजपी नेता आरती मेहरा ने कहा कि " पीएम मोदी ने महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाला बिल पास करा लिया...सरकार ने गरीब महिलाओं वाले परिवारों को करोड़ों मुफ्त एलपीजी सिलेंडर बांटे हैं...मोदी सरकार का फोकस गरीब महिलाओं के उत्थान और उनके राजनीतिक उत्थान पर रहा है और सामाजिक सशक्तिकरण".
देश में 2.63 बढ़ी महिला वोटर्स, 47.1 करोड़ हुई संख्या
आगामी लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं मतदाता के रूप में पंजीकृत हुई हैं. ईसीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा चुनाव के लिए पंजीकृत लगभग 97 करोड़ मतदाताओं की कुल संख्या में से 47.1 करोड़ महिला मतदाता हैं. मतदाता सूची में 2.63 करोड़ से अधिक नए मतदाताओं को शामिल किया गया है, जिनमें से लगभग 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं, जो नए नामांकित पुरुष मतदाताओं ( 1.22 करोड़) से 15% अधिक हैं.
महिला वोटरों की संख्या में हुई 15 फीसदी अधिक बढ़ोतरी
पिछले एक साल में महिला वोटरों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है. Gender Ratio जो 2023 में 940 था 2024 में बढ़कर 948 तक पहुंच गया,. यही वजह है कि दूसरी पार्टियां भी महिलाओं को लुभाने में लगी हैं. केजरीवाल ने दिल्ली में 18 साल से ऊपर की महिलाओं को 1000 रुपये महीने देने का वादा किया है. जबकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने 1500 रुपए महीने देने का एलान कर दिया.
राजस्थान में भाजपा की जीत का सूत्रधार बनीं थी महिलाएं
राजस्थान में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और पीएम मोदी ने प्रदेश में बढ़े महिलाओं के साथ अपराध को बड़ा मुद्दा बनाया था, जिसका फायदा चुनाव परिणामों में मिला. महिला वोटर्स न केवल वोट देने घरों से निकली, बल्कि बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट किया. अब चूंकि लोकसभा चुनाव में 2.63 महिला वोटर बढ़ी हैं, तो पार्टी महिला वोटर्स को साधने के लिए उनके सशक्तिकरण के लिए नई घोषणा करने से नहीं चूकेगी.
निर्भया फंड का 30 फ़ीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं हो पाया
देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध थम नहीं रहे और निर्भया जैसे फंड का पूरा इस्तेमाल नहीं दिख रहा. दिसंबर 2023 में सरकार ने सदन में माना कि निर्भया फंड का 30 फ़ीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं हो पाया. जाहिर है, वोटर के तौर पर महिलाओं की बढ़ती हैसियत के बाद इन मुद्दों की ओर ज़्यादा ध्यान जाएगा.
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