
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में 'द इमरजेंसी डायरी, वो वर्ष जिन्होंने एक नेता को गढ़ा' पुस्तक का विमोचन किया. ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक देश के इतिहास के सबसे मुश्किल दौर, आपातकाल (1975-77) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघर्ष और नेतृत्व के शुरुआती दिनों को बखूबी दर्शाती है.
आपातकाल के नायकों की कहानी
मुख्यमंत्री शर्मा ने पुस्तक को ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हुए कहा कि यह केवल तथ्यों का संग्रह नहीं, बल्कि उस दौर के साहसी लोगों की जीवंत कहानियों का आईना है. पुस्तक में उन लोगों के अनुभव शामिल हैं, जिन्होंने आपातकाल में नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया. उनके साहस, संगठन कौशल और दूरदर्शिता को यह किताब जीवंत रूप में पेश करती है. दुर्लभ दस्तावेज और अभिलेखीय सामग्री इसे और भी खास बनाते हैं.
युवाओं के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक खासतौर पर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. यह बताती है कि कैसे कठिन समय में भी कुछ लोग लोकतंत्र की रक्षा के लिए डटकर मुकाबला करते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह किताब देशभक्ति और नेतृत्व की भावना को जागृत करती है. साथ ही, यह हमें याद दिलाती है कि राष्ट्रहित से बड़ा कुछ नहीं.
लेखक और प्रकाशक को बधाई
मुख्यमंत्री ने लेखक, संपादक और प्रकाशक को इस अनमोल कृति के लिए बधाई दी. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पुस्तक देशभर में लोगों को आपातकाल के काले अध्याय और उसमें नायकों की भूमिका के बारे में जागरूक करेगी. इस मौके पर सहकारिता मंत्री गौतम दक और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी मौजूद रहे.
पाठकों के लिए आकर्षण
यह पुस्तक इतिहास, नेतृत्व और देशभक्ति की कहानी को रोचक अंदाज में पेश करती है. यह हर उस व्यक्ति को पढ़नी चाहिए जो लोकतंत्र की ताकत और इसके रक्षकों की कहानी जानना चाहता है.
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