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बीकानेर में भाद्रपद को कहते हैं मेलों का महीना, 13 सितंबर से शुरू होगा सिलसिला

राजस्थान के बीकानेर में भाद्रपद को मेलों का महीना कहते हैं. जिले में इस महीने में 13 से 26 सितंबर तक मेलों जारी रहते हैं.

बीकानेर में भाद्रपद को कहते हैं मेलों का महीना, 13 सितंबर से शुरू होगा सिलसिला
पूनरासर हनुमान जी की तस्वीर

Rajasthan News: बीकानेर की फजा इन दिनों मेलों से गुलजार है. जिले में इन दिनों लगातार कई मेले चलते हैं. भाद्रपद का महीना बीकानेर के लोगों के लिए मस्ती लेकर आता है. इस महीने को यहां के लोग मेलों का महीना भी कहते हैं. इस महीने में विभिन्न स्थानों पर करीब दस मेले भरते हैं, जिनमें हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के मेले शामिल हैं. खास बात ये भी है कि यहां दोनों धर्मों के लोग एक-दूसरे के मेलों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और अपनी आस्था का इजहार करते हैं. 

मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

किस मेले की कब होगी शुरुआत 

इस साल बीकानेर में मेलों की शुरूआत गेमना पीर के मेले से हुई है. इसके बाद 1 से 10 सितंबर तक सियाणा भैरव, पूनरासर, और कालीनाड़ी में भभुता सिद्ध के मेले भरे हैं. बचे हुए मेले 26 सितम्बर तक जिले के अलग-अलग इलाकों में भरेंगे. सबसे बड़ा मेला 13 सितम्बर को बाबा रामदेव का होगा, जिन्हें यहाँ रामसा पीर भी कहा जाता है. 13 सितम्बर को वीर तेजाजी का मेला भी भरेगा. वहीं 16 सितम्बर को तोलियासर और शीश भैरव का मेला भरेगा. 

बाबा रामदेव की तस्वीर बीकानेर

बाबा रामदेव की तस्वीर बीकानेर

13 सितंबर सुबह 4 बजे जलेगी जोत

साथ ही 16 और 17 सितम्बर को कोडमदेसर में भैरोंनाथ का मेला भरेगा. आखिरी मेला 26 सितम्बर को जेठाभुट्टा पीर का भरेगा, जो गजनेर स्थित पैलेस में बनी दरगाह के परिसर में भरा जाएगा. 13 सितम्बर को भरे जाने वाले बाबा रामदेव के मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. बीकानेर के उपनगर सुजानदेसर स्थित बाबा रामदेव मन्दिर में यह मेला भरेगा. शुक्रवार (13 सितंबर) सुबह 4 बजे बाबा की जोत जलेगी और इसके साथ ही मेला शुरू हो जाएगा. मेला रात 12 बजे तक चलेगा.

मेले में जाने के लिए रवाना श्रद्धालु

मेले में जाने के लिए रवाना श्रद्धालु

मेलों के लिए श्रद्धालु कब होंगे रवाना 

कोडमदेसर में भैरोंनाथ के 16 और 17 सितम्बर को भरने वाले दो दिवसीय मेले के लिए पैदल जाने वालों के जत्थे 15 सितम्बर को शहर के विभिन्न स्थानों से रवाना हो जाएंगे. वहीं 16 सितम्बर को ही तोलियासर और शीश भैरव के मेले भरेंगे. तोलियासर के लिए पैदल यात्रियों का जत्था 12 सितम्बर की शाम को रवाना होगा और 15 सितम्बर को तोलियासर पहुँचेगा. गजनेर स्थित दरगाह में जेठा-भुट्टा पीर के मेले की शुरुआत 26 सितम्बर को गजनेर पैलेस की तरफ से चादर चढ़ा कर की जाएगी. मेले में शामिल होने वाले लोग 25 सितम्बर की रात को बीकानेर और आसपास के एरिया से रवाना होंगे और 26 सितम्बर तक मेले में शामिल हो जाएंगे. 

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