विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 23, 2023

नागौर : राजस्थान के इस जिले की ताजमहल बनाने में रही अहम भूमिका

मुगल शासक शाहजहां द्वारा ताजमहल बनवाने के लिए भी इसी मार्बल का प्रयोग किया गया था. इसके अलावा सिख धर्म के सबसे पावन तीर्थ गोल्डन टेम्पल में भी नागौर के मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. .

Read Time: 4 min
नागौर : राजस्थान के इस जिले की ताजमहल बनाने में रही अहम भूमिका

राजस्थान के दो बड़े जिलों जोधपुर और बीकानेर के बीच पड़ता है नागौर. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का पांचवा सबसे बड़ा जिला है. अपने लाल मिर्च के बाजारों के लिए प्रसिद्ध नागौर मसालों के साथ अपनी मिठाइयों के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा नागौर के विश्व प्रसिद्ध मकराना मार्बल को भला कौन नहीं जानता. मुगल शासक शाहजहां द्वारा ताजमहल बनवाने के लिए भी इसी मार्बल का प्रयोग किया गया था. इसके अलावा सिख धर्म के सबसे पावन तीर्थ गोल्डन टेम्पल में भी नागौर के मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है. उत्तर भारत के अधिकतर मंदिरों और गुरूद्वारों में इस मार्बल का उपयोग किया गया है. भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील भी इसी शहर में है.

इतिहास में अहम स्थान रखता है नागौर

नागौर शहर की स्थापना नागवंशी क्षत्रियों के द्वारा की गई थी. नागौर की इस धरती पर समय-समय पर नागवंशी, चौहान, राठौर, मुगल और ब्रिटिश सभी ने राज किया है. यह शहर इतना प्राचीन है कि इसके महाभारत काल में भी होने के साक्ष्य हैं. पुराणों के मुताबिक, तब इसे जंगलादेश कहा जाता था. नागौर कई जानी पहचानी ऐतिहासिक हस्तियों की जन्मस्थली भी रहा है.  मीरा बाई और अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फजल उन्हीं में से कुछ जाने पहचाने नाम हैं. इन सबके अलावा नागौर ऐतिहासिक रूप से इसलिए भी खास है क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा यहीं से 1959 में पूरे देश में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की शुरुआत की थी. बता दें कि, विकेंद्रीकरण कामों, शक्तियों, लोगों को या चीजों को केंद्रीय स्थान या प्राधिकारी से हटाकर दोबारा विभाजित करने की प्रक्रिया को कहते हैं.

मकराना मार्बल और सांभर झील का यहां की अर्थव्यवस्था में भी है अहम् योगदान

इस जिले की ज्यादातर जनसंख्या खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है. इसके अलावा यहां विश्व प्रसिद्ध मकराना मार्बल भी पाया जाता है. खारे पानी की मशहूर सांभर झील होने के कारण नमक की इंडस्ट्री भी यहां बड़े पैमाने पर काम करती है. इन सबके साथ साथ यहां लाइमस्टोन, टंगस्टन, जिप्सम आदि खनिज पदार्थ भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. बात करें अगर हम यहां कि संस्कृति की तो नागौर मारवाड़ क्षेत्र के उत्तर पश्चिमी इलाके में पड़ता है. इसी वजह से यहां की संस्कृति में मारवाड़ी झलक देखने को मिलती है. फिर चाहे वो पहनावा हो या खान पान.

पर्यटन स्थल एवं मुख्य आकर्षण

नागौर इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के लिए बिल्कुल मुफीद है. इसे राजपूत और मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना कहना गलत नहीं होगा. यहां बहुत सी जगहें ऐसी हैं जिनकी वजह से पर्यटक उन्हें देखने के लिए खिंचे चले आते हैं. इनमें से एक है नागौर का ऐतिहासिक किला जिसने ना जाने कितनी लड़ाईयां देखी और झेली हैं. इसके अलावा यहां कुचामन किला भी राजस्थान के सबसे पुराने और मशहूर किलों में से एक है. 

नागौर एक नजर में

  • नागौर जिला 26°25' और 27°40' उत्तरी अक्षांश और 73°10' और 75°15' पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है
  • जिला मुख्यालय - नागौर 
  • क्षेत्रफल - 17,718 वर्ग किमी
  • जनसंख्या - 33,07,743
  • जनसंख्या घनत्व - 187/वर्ग किमी
  • लिंगानुपात - 950/1000
  • साक्षरता -62.80%
  • तहसील -13
  • पंचायत समिति -  14
  • संभाग -अजमेर
  • विधानसभा क्षेत्र - 10
  • लोकसभा क्षेत्र-1
  • Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

    फॉलो करे:
    डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
    Our Offerings: NDTV
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
    • इंडिया
    • मराठी
    • 24X7
    Choose Your Destination
    Close