Hemant Soren Gets Bail: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जनवरी में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है. सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता ने कई करोड़ रुपये की जमीन का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए, फर्जी लेनदेन और जाली दस्तावेजों में हेरफेर की थी.
सोरेन ने 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. गिरफ्तार करने से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए बुलाया था और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया कर लिया गया था. सोरेन के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था.
सोरेन के अधिवक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर जब कब्जा करने का आरोप लगाया गया, लेकिन इसे लेकर कहीं कंप्लेन दर्ज नहीं है. अप्रैल 2023 में ईडी ने इस मामले में कार्यवाही शुरू की और सिर्फ कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है. ईडी के पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इस पर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया. यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है.
इधर, ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है. इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है.
इस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की उनकी योजना थी, जिसका नक्शा उनके करीबी विनोद सिंह ने उनके मोबाइल पर भेजा था. हेमंत सोरेन काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने राज्य तंत्र का दुरुपयोग करते हुए खुद को बचाने के कई प्रयास किए थे. उन्हें जमानत दी जाती है तो वे फिर से जांच को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं.
(IANS के इनपुट के साथ )