Champai Soren Profile: झारखंड में बीते कई दिनों से जारी सियासी रस्साकसी आखिरकार (Jharkhand Politics) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का तख्तापलट करने के बाद अब थमती नजर आ रही है. बुधवार शाम हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्हें ईडी घोटालों के आरोप में गिरफ्तार कर सकती है. सोरेन के इस्तीफे के बाद तुरंत इस बात की घोषणा की गई कि चंपई सोरेन (Champai Soren) झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे. चंपई सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधायक दल का नेता चुना है. चंपई सोरेन हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन के काफी करीबी हैं. वो झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उपाध्यक्ष भी हैं. चंपई झारखंड की सरायकेला विधानसभा के विधायक हैं. वो 1991 से अब तक लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं. अब वो राज्य की बागडोर संभालने जा रहे हैं.
झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर हैं चंपई सोरेन
बुधवार शाम हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा दिया. इसी दौरान जेएमएम सांसद महुआ मांझी ने चंपई सोरेन के अलगे मुख्यमंत्री होने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि चंपई सोरेने को विधायक दल का नेता चुना गया है. उन्हें गठबंधन की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया. मालूम हो कि चंपई सोरेन के अलगे सीएम बनने की बात भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कुछ देर पहले ही ट्वीट करते हुई कही थी. चंपई सोरेन झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर है. बिहार से अलग झारखंड के नए राज्य गठन के लिए चले आंदोलन में चंपई बेहद सक्रिय थे.
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: JMM MP Mahua Maji says, "The CM is in ED custody. The CM has gone to the Governor with the ED team to submit his resignation... Champai Soren will be the new Chief Minister... We have enough numbers..." pic.twitter.com/Pbumz1cUg0
— ANI (@ANI) January 31, 2024
हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री थे चंपई सोरेन
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं. चंपई को हेमंत सोरेन का विश्वासपात्र माना जाता है. कयास लगाया जा रहा था कि सीएम सोरेन की पत्नी कल्पना मुख्यमंत्री बन सकती हैं. हालांकि, विधायक दल की मीटिंग के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई. इससे पहले मंगलवार को सोरेन रांची में अपने आधिकारिक आवास पहुंचे. यहां विधायक दल की बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं. वह विधायक नहीं हैं. इसके बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी.
10 तक की पढ़ाई, 7 बच्चों के पिता हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन का जन्म जिलिंगगौड़ा में हुआ था.चंपई सोरेन ने 10 तक की पढ़ाई की है. उसके बाद शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में कूद पड़े थे. चंपई सोरेन के सात बच्चे हैं. पेशे से चंपई कृषक हैं और उन्होंने केवल मैट्रिक तक पढ़ाई की है. वह अब तक 1991 से अब तक विधायक हैं. चंपई कुछ मामलों में जेल भी जा चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, उनके पास दो करोड़ से अधिक की संपत्ति है.
चंपई को चाचा मानते हैं हेमंत सोरेन
चंपई सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं. इससे पहले भी वो एक बार मंत्री रह चुके हैं. चंपई सोरेन सरायकेला से विधायक हैं. चंपई को झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है. उनके पिता सेमल सोरेन खेती किसानी करते थे. चंपई ने भी खेती की है. चंपई हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं.
झारखंड के आंदोलन में चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था. हेमंत सोरेन सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखे हैं और रिश्ते में उन्हें चाचा मानते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि चाहे मामला सरकार का हो या पार्टी के अहम विषयों का...हेमंत सोरेन चंपई सोरेन से सलाह मशविरा जरूर करते हैं.
कब हुई सियासत में एंट्री
चंपई सोरेन ने 1991 में पहली बार उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. वो जीत इसलिए बड़ी थी क्यों कि चंपई ने कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. इसके बाद चंपई सोरेन ने 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीत हासिल की. साल 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चंपई चुनाव हार गए थे. लेकिन 2005 से लगातार चंपई सरायकेला से विधायक हैं. 2019 में उन्होंने बीजेपी के गणेश महाली को हराया था.
मैट्रिक पास हैं चंपई सोरेन
सरायरकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर चंपई सोरेन का जन्म हुआ था. अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं. अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो चंपई मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.
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