नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) समिति के समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक (C I Issac) ने बुधवार को सभी स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इंडिया' शब्द को हटाकर 'भारत' लिखने की सिफारिश की है. समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने इस फैसले की वजह का जिक्र करते हुए बताया कि, 'हम चाहते हैं कि 'प्राचीन इतिहास' के बजाय स्कूली बच्चे 'शास्त्रीय इतिहास' को पढ़ें, इसीलिए इस बदलाव की सिफारिश की गई है.'
समिति के अध्यक्ष ने कहा, 'इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था. जबकि भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 साल पुराने हैं. ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए.' अध्यक्ष ने आगे कहा, 'अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है. एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है, जो दिखाता है कि देश अंधेरे में था. जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं. इसीलिए हमने सुझाव दिया है कि मध्यकाल और आधुनिक के साथ-साथ क्लासिक हिस्ट्री को पढ़ाया जाना चाहिए.'
NCERT Committee recommends replacing India with 'Bharat' in all school textbooks. pic.twitter.com/prFn1s5wGZ
— ANI (@ANI) October 25, 2023
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुए विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम 'INDIA' रखा है. इसके बाद से ही देश में विवाद छिड़ा हुआ है. नेताओं की बयानबाजी के बाद जब G-20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में 'प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेजिडेंट ऑफ भारत' लिखा देखा गया, तब विवाद ने नया मोड़ ले लिया. इस निमंत्रण पत्र के साथ सरकार ने एक बुकलेट भी जारी की थी, जिसमें पीएम मोदी को 'इंडिया के प्रधानमंत्री' की बजाय 'भारत के प्रधानमंत्री' लिखा गया था. इसको लेकर देश में खूब सियासी बवाल हुआ. सोशल मीडिया पर कई दिन तक हैशटैग ट्रेंड करते रहे. लोग मिम्स शेयर करते रहे.