Rajasthan Janmashtami: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जन्माष्टमी के अवसर पर एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारें मिल कर कृष्ण गमनपथ का निर्माण करेंगी. इस मार्ग पर भगवान कृष्ण से जुड़ी पौराणिक आस्था के महत्व के केंद्रों को चिह्नित किया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण शिक्षा ग्रहण के लिए मथुरा से राजस्थान के रास्ते होते हुए मध्य प्रदेश में उज्जैन गए थे. इसी मार्ग को कृष्ण गमन पथ कहा जाएगा और इस मार्ग पर पड़ने वाले स्थानों को धार्मिक केंद्रों के तौर पर विकसित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर गिरिराज महाराज परिक्रमा मार्ग या गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में स्थित पूंछरी गांव पहुंचे.मुख्यमंत्री ने वहां अपनी पत्नी के साथ मुकुट मुखारविंद मंदिर और श्री नाथ जी मंदिर पहुंच कर दर्शन किए और पूजा अर्चना की. उन्होंने वहां लोगों को कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कृष्ण गमनपथ के सभी मंदिरों का जोड़ते हुए एक धार्मिक सर्किट का विकास करने की घोषणा की.
भरतपुर, कोटा, झालावाड़ से उज्जैन तक बनेगा कृष्ण पथगमन पथ
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा,"भगवान श्री कृष्ण जो मथुरा में पैदा हुए और वह शिक्षा के लिए संदीपन गुरु के आश्रम उज्जैन गए थे. वह भरतपुर, कोटा, झालावाड़ आदि के रास्ते उज्जैन पहुंचे थे. हम श्री कृष्ण भगवान के जीवन काल से जुड़े विषय को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान की दोनों सरकारों के साथ मिलकर कृष्ण गमनपथ का निर्माण करेंगे. पौराणिक आस्था का केंद्र, और जहां-जहां वह गए हैं उन सभी स्थानों को चिन्हित किया गया है.उन स्थानों को हम प्रमुखता से मानचित्र पर लेकर विकसित करने का काम करेंगे."
मुख्यमंत्री ने राजस्थान वासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना दी. उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी के दिन वह भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करने ब्रज भूमि आए जहां उन्होंने लीलाएं कीं, और शाम को वह उज्जैन जाएंगे और वहां संदीपन गुरु के आश्रम में प्रार्थना करेंगे.
CM भजनलाल शर्मा ने जन्माष्टमी पर की बड़ी घोषणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश सरकार मिलकर बनाएगी श्री कृष्ण गमनपथ.#Rajasthan | #BhajanlalSharma pic.twitter.com/cPu2hKPdCH
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) August 26, 2024
यूपी, एमपी और छत्तीसगढ़ में बन रहा राम वनगमन पथ
श्रीकृष्ण गमनपथ का निर्माण राम वगनगमन सर्किट की ही तरह किया जाएगा. राम वनगमन पथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विकसित किया जा रहा है. इसमें उन जगहों को जोड़ा जा रहा है जहां से होते हुए भगवान राम मां सीता की खोज में लंका गए थे.