
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को विधि-विधान के साथ खोले जाएंगे. बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए केदारघाटी पहुंचने लगे हैं. मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में भक्तों की चहल-पहल देखते ही बन रही है.
रंग बिरंगे फूलों से सजाया
चारधाम यात्रा के प्रमुख केंद्र केदारनाथ धाम में कपाट खोलने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस बार केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है. रंग-बिरंगे फूलों की सुगंध और भव्यता मंदिर को और भी दिव्य आभा प्रदान कर रही है. जिला प्रशासन ने कपाट खोलने से पहले हर प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं. यहां सुरक्षा, स्वच्छता, यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं का खास ख्याल रखा गया है, ताकि केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो. साथ ही मंदिर परिसर में पुलिस बल, आपदा राहत टीमें और मेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है.
#WATCH | Uttarakhand: The work of decorating Shri Baba Kedarnath Dham has begun. Lord Kedarnath temple is being decorated with 13 quintals of ball flowers. Baba Kedarnath's idol will reach Kedarnath Dham on 1 May.
— ANI (@ANI) April 30, 2025
The doors of Baba Kedarnath will be opened for general devotees… pic.twitter.com/2kH3BL8LWc
श्रद्धालु बोले- कपाट खुलने का इंतजार
बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले केदारघाटी पहुंचे श्रद्धालुओं ने व्यवस्थाओं की तारीफ की. एक श्रद्धालु ने कहा कि केदारनाथ आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है. उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने मंदिर में अच्छे इंतजाम किए हैं और साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखा गया है. एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि मुझे हर साल बाबा के कपाट खुलने का इंतजार रहता है और इस बार भी मैं मंदिर के खुलने का इंतजार कर रहा हूं. इस बार यहां अच्छे इंतजाम किए गए हैं, जो देखने लायक हैं.
तीर्थ पुरोहितों में उत्साह
ऋषिकेश पुष्प सेवा समिति के सदस्य ने बताया कि हम यहां केदारनाथ मंदिर को सजा रहे हैं, जिसमें 108 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों में भी उत्साह का माहौल है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा करेंगे.
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