First Day of Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा यानी पहले दिन राजस्थान के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब देखा गया, जहां मां के जयकारों के साथ उमड़े भक्तों ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने पहुंचे. नवरात्रि के पहले दिन मां के दरबार में पहुंचे भक्तों ने मां शक्ति की विधि-विधान से पूजा के बाद शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की,
टोंक में माता की चौकी सजाकर नवरात्रि घर में भी बिठाते हैं भक्त
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रथमा को टोंक में भक्त माता की चौकी सजाकर नवरात्रि घर में भी बिठाते है. टोंक में नवरात्रि के पहले दिन कंकाली माता मंदिर में माता रानी के भक्तों की भीड़ उमड़ी और भक्तों ने आरती में पंहुचकर अपनी अर्जी लगाई. टोंक के विभिन्न मंदिरों में इन नौ दिनों में मातारानी की पूजा-अर्चना के साथ भक्तों की भीड़ उमड़ेगी.
अजमेर में मां शक्ति की भक्ति में मंदिरों में उमड़ा जन सैलाब
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अजमेर में मां शक्ति की भक्ति में भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे. सुबह-सुबह मां के जयकारों से गुंजायमान हुए मंदिर में भक्तों ने मां की पूजा की. अजमेर के बजरंगगढ़ चौराहे पर स्थित अंबे माता मंदिर पर लगा तांता देखा गया. हाथों में नारियल, फूल ,रोली, मोली व प्रसाद लेकर मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा-अर्चना की.
बांसवाड़ा स्थित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में सुर्योदय से पहले पहुंच गए श्रद्धालु
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बांसवाड़ा जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. यहां भक्तों का सूर्योदय की बेला से ही आने का सिलसिला शुरू हो गया. पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूपा माता रानी के चरणों में शीश नवाकर भक्तों ने सुख-समृद्धि की कामना की.
चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहर्त
पंडित पवन सागर के मुताबिक मंगलवार से शुरू हुए चैत्र नवरात्रों में घट स्थापना का पहला शुभ मुहर्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक है, जबकि दूसरा शुभ मुहर्त 11 बजकर 56 मिनट से 1 बजकर 47 मिनट तक है. इस चैत्र नवरात्रि में 16 अप्रैल को अष्ठमी की पूजा होगी और 17 अप्रैल को नवमी की पूजा की जाएगी.
चैत्र नवरात्रि पर मार्केट में सज गए मिट्टी के बर्तन की दुकानें
नवरात्रों में 9 दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद अष्ठमी ओर नवमी को कन्या पूजन और भोजन कराकर नवरात्रों की पूर्णावती होती है. इस दौरान बाजारों में मिट्टी के कलश,बजौरा, कुंडे, पोशाक, माता की चुनरी,माला और नारियल-प्रसाद की दुकानें सज गई हैं,जहां व्रतियों की भीड़ से पूरा मार्केट सराबोर है.