विज्ञापन
Story ProgressBack

Success Story: इस एक आइडिया ने बदली किसान की किस्मत, 50 हजार से सीधा 15 लाख हो गई कमाई

आपत्ति ही आविष्कार की जननी है, इस कहावत को एक बार फिर सीकर के किसान भंवरलाल ने सच कर दिखाया है. आज उनके एक फैसले से सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि उस इलाके में रहने वाले सभी किसानों की समस्या का समाधान हो गया है.

Success Story: इस एक आइडिया ने बदली किसान की किस्मत, 50 हजार से सीधा 15 लाख हो गई कमाई
किसान भंवरलाल.

Rajasthan News: सीकर जिले की धोद विधानसभा के छोटे से गांव सरवड़ी के किसान भंवरलाल द्वारा कृषि के क्षेत्र में किए गए संघर्ष और सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है. सीकर से करीब 35 किलोमीटर दूर किसान भंवरलाल के संघर्ष और सफलता की कहानी को जानने के लिए एनडीटीवी की टीम  सरवड़ी गांव पहुंची. एनडीटीवी संवाददाता जगदेव सिंह ने जब प्रगतिशील किसान भंवरलाल से उनके कडे संघर्ष और सफलता के बारे में जाना तो उन्होंने बताया कि 20 साल पहले सीकर उद्यान विभाग की मदद से एक हेक्टेयर में 125 आंवले के पौधे लगाकर खेती शुरू की. आंवले के पौधे लगाने के करीब 3 साल में ही आंवले की फसल खेत में लहराने लगी. लेकिन आंवले की उपज को बेचने के लिए उसे खरीददार नहीं मिला. इसलिए उसे सीकर, नागौर तथा कुचामन समेत आसपास की मंछियों में खरीददारों की तलाश में घूमना पड़ता था. 

खुद बनाए आंवले के कई प्रोडक्ट्स

कई बार तो आंवले की पूरी उपज कई कई दिनों तक बिक भी नहीं पाती थी और किसी भी मंडी में व्यापारियों ने 10 रुपए प्रति किलो से ज्यादा भाव नहीं लगाए. कई बार तो 5 रुपए प्रति किलो के भाव से भी बेचना पड़ता, जिससे काफी नुकसान भी होता था. लेकिन भंवरलाल ने हिम्मत नहीं हारी और किसान भंवरलाल ने सोचा क्यों न खुद ही आंवले से तैयार होने वाले प्रोडक्ट बनाना शुरू किए जाएं. भंवरलाल ने कृषि विशेषज्ञों से इस बारे में जानकारी जुटाई और खुद ही आंवले से कैंडी व मुर्बा जैसे प्रोडक्ट बनाने की योजना बना ली. अब भंवरलाल खुद के खेत में पैदा होने वाले आंवले के साथ ही आस पड़ोस के किसानों से भी आंवला खरीद कर कैंडी, मुरबा, आचार, आंवला पाउडर समेत कई तरह के प्रोडक्ट तैयार रहे हैं. भंवर लाल ने बताया कि वह आसपास के इलाकों के किसानों से आंवले की खरीद मंडी भाव से 5 रुपये अधिक देकर करता है. 

15 गुना बढ़ गई किसान की कमाई

भंवरलाल जिले में पहले ऐसे किसान हैं जिसने अपने बलबूते पर आंवला के कई प्रोडक्ट बनाना शुरू किए हैं. उनके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट सीकर, नागौर, बीकानेर, झुंझुनू, चूरू व कुचामन सहित बाहर भी बिक्री के लिए सप्लाई होते हैं. बड़े-बड़े मॉल में भी उनके बनाए हुए प्रोडक्ट की बिक्री होती है. किसान भंवर लाल का कहना है कि जो आंवला मंडी में 10 रुपए किलो नहीं बिक रहा था, उसी आंवले की कीमत अब उन्हें 150 रुपए प्रतिकिलो तक मिलने लगी है. जिस आंवले से सालाना मुश्किल से 50,000 भी नही कमा रहा था. उसी आंवले से अब वह सालाना करीब 13 लाख रुपये कमाने लगा है. भंवरलाल के इस काम में पत्नी सहित परिवार के अन्य लोग भी सहयोग करते हैं. इसके अलावा काम करने के लिए बाहर से भी मजदूर रखे हुए हैं. भंवरलाल आंवले के साथ अन्य फसल और पौधों की खेती भी करते हैं जो पूरी तरह से जैविक आधार होती है.

ये भी पढ़ें:- अशोक गहलोत के एक ट्वीट से गरमाई राजस्थान की सियासत, बोले- 'हर साल ऑटोमेटिक बढ़ेगी पेंशन'

LIVE TV

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Lovebirds Suicide: प्रपोज डे के दिन लवबर्ड्स धनराज -प्रियंका ने दी जान, रेल के आगे कूदकर किया सुसाइड?
Success Story: इस एक आइडिया ने बदली किसान की किस्मत, 50 हजार से सीधा 15 लाख हो गई कमाई
On February 14, during Abuj Muhurta, 500 marriages will take place in Bikaner district and more than 30 thousand marriages across the state.
Next Article
14 फ़रवरी को अबूझ मुहूर्त में बीकानेर ज़िले में 500 और प्रदेश भर में होंगी 30 हज़ार से ज़्यादा शादियां
Close
;