राजस्थान केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि संस्कृति, संस्कार और संकल्प की वह जीवंत पहचान है, जो दुनिया के किसी भी कोने में बसे प्रवासी राजस्थानियों के हृदय में समान रूप से धड़कती है. प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 के अवसर पर जयपुर में आयोजित ऐतिहासिक समारोह इसी भावना का सशक्त प्रतिबिंब बना, जहां मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास, सुशासन और वैश्विक सहभागिता की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की. यह आयोजन मात्र एक उत्सव नहीं, बल्कि राजस्थान को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से नई ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प का सार्वजनिक उद्घोष था. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्थान के प्रवासी केवल अतिथि नहीं, बल्कि राज्य के विकास के भागीदार, साझेदार और ब्रांड एंबेसडर हैं.
इसी भावना के अनुरूप सरकार ने हर वर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया और इस वर्ग के लिए एक समर्पित संस्थागत ढांचा तैयार किया. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामलात विभाग का गठन और प्रवासी राजस्थानी नीति का शुभारंभ इसी दिशा में एक ठोस कदम है, जिसका उद्देश्य निवेश, सम्मान, पहचान और मातृभूमि से भावनात्मक व व्यावहारिक जुड़ाव को सुदृढ़ करना है.

जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
आधारभूत संरचना के विकास पर जोर
राजस्थान जैसे जल-संकटग्रस्त राज्य के लिए जल सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत 26 हजार करोड़ रुपये के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं तथा यमुना जल को राजस्थान लाने की प्रक्रिया को तीव्र किया गया है. द्रोणपुरा फीडर के पुनर्निर्माण पर 647 करोड़ रुपये तथा इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों के जीर्णोद्धार और पक्के खालों के निर्माण के लिए 3,400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. माही, सोम, कमला, अंबा और नर्मदा जल परियोजनाओं के समुचित उपयोग की योजनाएं भी धरातल पर उतर रही हैं.
जनभागीदारी के बल पर जल संरक्षण को आंदोलन का रूप दिया गया है. कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत 14 हजार से अधिक ग्राउंड वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जा चुके हैं, जिनकी संख्या शीघ्र 50 हजार तक पहुंचने वाली है. वहीं जल संचय जनभागीदारी 1.0 के अंतर्गत 3 लाख 64 हजार 968 संरचनाएं विकसित की गई हैं.
ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान ने राष्ट्रीय नेतृत्व स्थापित किया है. विद्युत उत्पादन क्षमता में 6,363 मेगावाट की वृद्धि, 23 हजार करोड़ रुपये का नया ट्रांसमिशन नेटवर्क और 6,000 मेगावाट आवर बैटरी स्टोरेज प्रणाली इसका प्रमाण है. पीएम कुसुम योजना के तहत 2,272 मेगावाट क्षमता स्थापित की जा चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली मिलने लगी है. 22,860 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता के साथ राजस्थान देश में पहले स्थान पर है, जबकि माही-बांसवाड़ा परमाणु परियोजना (2,800 मेगावाट) का शिलान्यास भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत करता है.

किसान, श्रमिक और महिलाएं विकास का केंद्र
सरकार की विकास यात्रा का केंद्रबिंदु किसान है. 76 लाख से अधिक किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता, 44 हजार करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण, गेहूं पर बोनस तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6,207 करोड़ रुपये के क्लेम वितरण ने कृषि अर्थव्यवस्था को संबल दिया है. मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के माध्यम से 9 लाख पशुपालक और 20 लाख से अधिक पशु सुरक्षा कवच में आए हैं.
श्रमिकों को सरकार ने केवल ‘मजदूर' नहीं, बल्कि ‘निर्माता' के रूप में मान्यता दी है. 3.5 लाख नए निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण, 7.22 लाख आवेदनों की स्वीकृति और 806 करोड़ रुपये की सहायता इसका प्रमाण है. दो वर्षों में 1,500 नए कारखानों के पंजीकरण से एक लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए.
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी ठोस परिणाम सामने आए हैं. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में सहायता राशि बढ़ाकर 6,500 रुपये की गई, 20 लाख महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण मिला और 12 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी' बनीं. 450 रुपये में गैस सिलेंडर, लाडो प्रोत्साहन योजना में 1.5 लाख रुपये की सहायता, 10.5 लाख साइकिल और 40 हजार स्कूटी वितरण महिला-केंद्रित विकास की दिशा को स्पष्ट करता है.

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युवा और रोजगार सृजन
युवा राजस्थान की सबसे बड़ी ताकत हैं. बीते दो वर्षों में 90 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं, 20 हजार और नौकरियां प्रस्तावित हैं तथा 1.53 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है. 3.30 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगारोन्मुख बनाया गया है. शिक्षा के क्षेत्र में 14 हजार स्कूलों में ICT लैब, 13 हजार से अधिक में स्मार्ट क्लास और 3,934 कॉलेजों के साथ राजस्थान उच्च शिक्षा में देश में चौथे स्थान पर है.
औद्योगिक निवेश के मोर्चे पर राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट मील का पत्थर साबित हुआ. कुल 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतो में से 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं.साथ ही 24 से अधिक नई नीतियों, सिंगल-विंडो सिस्टम, डिजिटल लैंड बैंक और एमएसएमई के लिए अनुमति प्रक्रिया को 120 से घटाकर 21 दिन करने से निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ है.
राज्य में 36 हजार किमी से अधिक सड़कों के निर्माण पर 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. जयपुर मेट्रो का विस्तार, कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, किशनगढ़-उदयपुर एयरपोर्ट विस्तार, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का विस्तार राजस्थान को आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी बना रहा है. पर्यटन में हेरिटेज, वेलनेस, वेडिंग और धार्मिक पर्यटन के लिए नया सर्किट विकसित किया जा रहा है.

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प्रवासी राजस्थानियों का नेटवर्क विस्तार
प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ने के लिए राजस्थान फाउंडेशन के 26 नए चैप्टर स्थापित किए गए हैं और 14 नए चैप्टर खोलने की घोषणा की गई है. इससे इनकी संख्या 40 हो जाएगी. यह वैश्विक नेटवर्क सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहभागिता की मजबूत कड़ी बनेगा.
प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान अब केवल संसाधनों पर नहीं, बल्कि विश्वास, नीति-स्पष्टता और वैश्विक सहभागिता पर आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री का संदेश साफ है कि दुनिया में कहीं भी बसे राजस्थानियों की जड़ें इसी मिट्टी में हैं और उनका अनुभव, निवेश व नेटवर्क राज्य के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी ताकत है. यही साझा संकल्प राजस्थान को 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर मजबूती से अग्रसर करेगा.
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परिचय: के के विश्नोई राजस्थान सरकार में उद्योग, युवा एवं खेल मामलों के राज्य मंत्री हैं.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.