
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराये जाने को लेकर छात्र नेता लगातार आंदोलित है. सोमवार को कोटा जिले के राजकीय महाविद्यालय के छात्रों ने यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन किया और छात्रसंघ चुनाव को बहाल करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को छात्र नेताओ ने अपने खून से पत्र लिखा.

छात्र नेताओं का दावा विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा असर
दरअसल, राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक के बाद लगातार सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं. कोटा में राजकीय महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव पर लगी रोक के विरोध में सोमवार को छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सांवरिया के नेतृत्व में छात्रों ने आक्रामक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस से झड़प भी हुई.
सीएम गहलोत को पत्र लिखकर छात्रों ने दी चेतावनी
छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्र नेताओं ने सीएम गहलोत को पत्र लिखते हुए चेतावनी दी है कि अगर जल्द छात्रसंघ चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो प्रदेश भर में छात्र आंदोलन करेगी और सीएम गहलोत के आवास का घेराव करेगी.
लिंगदोह कमेटी के नियमों की उड़ी धज्जियां
छात्र संघ अध्यक्ष मनीष सांवरिया ने कहा कि लिंगदोह कमेटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई गई है. जबकि विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं. छात्र नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार को डर है कि छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस समर्थित संगठनों की करारी हार से विधानसभा चुनाव पर भी असर पड़ेगा. इसलिए सरकार छात्र संघ चुनाव नहीं करवा रही है.
राजनीति की पहली सीढ़ी पर ब्रेक बर्दाश्त नहीं
राजकीय महाविद्यालय कोटा के वरिष्ठ छात्र नेता कंवर सिंह चौधरी का कहना है कि छात्र संघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी मानी जाती है. बकौल, 'कई छात्र नेता 5-6 सालों से छात्रों के बीच रहकर छात्र संघ चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे, लेकिन सरकार द्वारा छात्र संघ चुनाव पर रोक की घोषणा के बाद से उनमें नाराजगी है.