Jhunjhunu News: अगर जुनून हो तो व्यक्ति हर मुश्किल को आसान करते हुए अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है. झुंझुनूं जिले के पिलानी के समीप लाडूंदा गांव के कृष्ण स्वामी (Krishna Kumar) ने ऐसा ही कर दिखाया है. हैदराबाद (Hyderabad) में हुई 10वीं वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप (10th World Strength Lifting Championship) में भूटान और श्रीलंका के खिलाड़ियों को हराकर लाडूंदा गांव के कृष्ण कुमार स्वामी ने भारत की तरफ से गोल्ड जीतकर नाम रोशन किया है.
इस चैंपियनशिप में एक समय ऐसा भी था, जब कृष्ण स्वामी को अपने वजन के कारण 85 किलोग्राम वर्ग में शामिल ना होने की स्थिति पैदा हो गई थी. लेकिन कृष्ण स्वामी अपने हताशा को अपने जुनून पर भारी नहीं पड़ने दिया और दो दिनों में सात किलो वजन कम करके आखिरकार में 76 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लिया और गोल्ड जीता.
200 KG भार उठाकर जीता गोल्ड
भारतीय स्ट्रेंथ लिफ्टिंग टीम (Indian strength lifting team) के चीफ कोच संदीप कड़वासरा ने बताया कि कृष्ण कुमार स्वामी ने 76 किलो मास्टर कैटेगरी में खेलते हुए स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. कृष्ण कुमार ने इंक्लिन बैंच प्रेस में कुल 220 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता. दूसरे नंबर पर भूटान के झमूर जंग रहे. जिन्होंने 200 किलो तथा तीसरे नंबर पर श्रीलंका के मुय्यद जोन रहे, जिन्होंने 190 किलोभर उठाकर क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता. कृष्ण की उपलब्धि पर गांव में खुशी का माहौल है. कृष्ण स्वामी रविवार को अपने गांव पहुंचेंगे जहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा.
पपीते के जूस और ग्लूकोज में गुजारे दिन
चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए जब कृष्ण कुमार हैदराबाद पहुंचे तो उनका वजन 79 किलो था. जिसके कारण वे 85 किलोवर्ग की कैटेगरी में हिस्सा नहीं ले सकते थे. लेकिन कृष्ण कुमार ने 2 दिनों तक सुबह और शाम घंटो वर्कआउट किया. यही नहीं उन्होंने खाना छोड़कर केवल पपीते के ज्यूस और ग्लूकोज पर दिन बिताए. दो दिनों में कृष्ण कुमार ने कोचेज की देखरेख में सात किलो वजन कम किया. जिसके बाद उनका वजन 72 किलो हो गया और उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लेते हुए गोल्ड हासिल किया.
दोस्त सुरेंद्र कुमार ने की मदद
आपको बता दें कि चैंपियनशिप तक पहुंचाने में कृष्ण कुमार की मदद उनके पुराने दोस्त सुरेंद्र कुमार उर्फ सूरज ने की, जो पबाना मुकुंदगढ़ के रहने वाले हैं. जिन्होंने करीब 5 लाख रूपये देकर कृष्ण कुमार की मदद की थी. जिसके कारण ही कृष्ण कुमार ने अपना प्रशिक्षण लगातार जारी रख सका और चैंपियनशिप तक पहुंच सकें. इस उपलब्धि पर उनके दोस्त सुरेंद्र कुमार को भी काफी खुशी हासिल हुई. उन्होंने कहा है कि आगे भी कृष्ण कुमार स्वामी के खेल कौशल को वे बढावा देने के लिए हरदम तैयार रहेंगे.
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