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103 श‍िक्षा अध‍िकार‍ियों के ट्रांसफर, दो दिनों पहले 509 प्रिंसिपलों के हुए थे तबादले

Transfer List: इन तबादलों ने प्रदेश भर के शिक्षकों में असमंजस और बेचैनी की स्थिति पैदा कर दी है. फर्स्ट और सेकेंड ग्रेड टीचर्स को भी ट्रांसफर का इंतजार है.

103 श‍िक्षा अध‍िकार‍ियों के ट्रांसफर, दो दिनों पहले 509 प्रिंसिपलों के हुए थे तबादले
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Transfer List: प्रदेश के शिक्षा विभाग में बीते कुछ दिनों में तबादलों को लेकर हलचल तेज हो गई है. एक दिन पहले जहां 509 प्रिंसिपलों के तबादले की सूची जारी की गई थी, वहीं अब दो अलग-अलग सूचियों में 103 और प्रिंस‍िपल और लेक्चरर्स का तबादला हुआ है. अभी तक फर्स्ट ग्रेड और सेकेंड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

विधायकों से लगाने लगे जुगाड़ 

हालिया ट्रांसफर्स के जरिए यह संदेश जरूर गया है कि शिक्षा विभाग तबादला नीति को लेकर सक्रिय हो चुका है. ऐसे में शिक्षकों ने संभाव‍ित तबादलों की आशंका से पहले ही जुगाड़ और सिफारिशों की कोशिशों का सिलसिला शुरू कर दिया है. कई शिक्षक विधायकों, जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों से संपर्क साधने में जुट गए हैं, ज‍िससे अपनी मनचाही पोस्टिंग सुनिश्चित कर सकें.

नए स्कूलों में शिक्षकों की हुई तैनाती 

हाल में जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं, उनमें से कई पूर्व में एपीओ (Awaiting Posting Orders) थे, जिनकी तैनाती अब नए स्कूलों में की गई है. उदाहरण के तौर पर बीकानेर के महारानी स्कूल की प्राचार्या शारदा पहाड़िया का तबादला देशनोक में किया गया है, साथ ही तीन प्रिन्सिपल्स के तबादला आदेश वापस भी लिए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि विभाग फिलहाल प्राथमिक स्तर पर फेरबदल कर रहा है.

चर्चा है कि शिक्षकों के ट्रांसफर की भी सूची तैयार 

हाल में जारी तीसरी सूची में बीकानेर और अजमेर के टीटी कॉलेजों में प्रिंंसिपल, जिला शिक्षा अधिकारी और लेक्चरर के पदों पर 68 अधिकारियों को लगाया गया है. इन पोस्टिंग्स का मक़सद शिक्षण संस्थानों में प्रशासनिक दक्षता और शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. लेकिन इस बीच ये चर्चा भी गर्म है कि फर्स्ट और सेकंड ग्रेड के शिक्षकों की तबादला सूची भी लगभग तैयार हो चुकी है.

शिक्षकों के ट्रांसफर पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया 

इस पूरे घटनाक्रम में एक एहम तथ्य ये है कि सरकार ने अभी तक शिक्षकों के तबादलों पर लगा प्रतिबंध औपचारिक रूप से नहीं हटाया है, इसलिए इन तबादलों को नीति से जुड़ी कार्रवाई नहीं. बल्कि प्रशासनिक आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है. जब तक प्रतिबंध नहीं हटता, तब तक व्यापक स्तर पर तबादले होना मुमकिन नहीं है. हालांकि, भले ही ये तबादले सीमित स्तर पर किए गए हों, लेकिन इन्होंने व्यापक स्तर पर अस्थिरता और बेचैनी जरूर पैदा कर दी है. शिक्षकों में डर है कि कहीं बिना किसी पूर्व सूचना के उनका भी तबादला न हो जाए. दूसरी ओर, कुछ शिक्षक इसे अवसर मानकर पसंदीदा जगह पर स्थानांतरण के लिए सक्रिय हो गए हैं.

बड़ा फेरबदल जल्द सामने आ सकता है 

शिक्षा विभाग में जारी सीमित तबादलों की इन सूचियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं और बड़ा फेरबदल भी जल्द सामने आ सकता है. हालाँकि सरकार ने अभी तक फर्स्ट और सेकंड ग्रेड के शिक्षकों के लिए बैन नहीं हटाया है, लेकिन इसकी तैयारियाँ पूरी बताई जा रही हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग में हलचल तेज़ होती देखी जा सकती है.

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