
Rajasthan News: देश के कई राज्यों में युवाओं से शादी कर फरार हुई लुटेरी दुल्हन अब जब राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आई है तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिससे पुलिस भी हैरान है. राजस्थान की चित्तौड़गढ़ और सवाई माधोपुर पुलिस की संयुक्त पूछताछ में लुटेरी दुल्हन अनुराधा पासवान और उसके पति विशाल कुमार ने बताया कि गिरोह में पति-पत्नी की जोड़ी ही मास्टरमाइंड थी. अनुराधा शादी करती और विशाल हर बार खुद को उसका भाई बताकर कन्यादान करता था. हर शादी के बदले अनुराधा को 50 हजार रुपये मिलते थे, जबकि दलाल लाखों ऐंठते थे. पूरा गिरोह भोपाल से ऑपरेट होता था.
25 शादियों की बात खुद ही कबूली
अनुराधा ने कबूल किया कि वह 25 से ज्यादा फर्जी शादियां कर चुकी है. असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. फर्जी आधार कार्ड, बदलते नाम और लड़की की फोटो दिखाकर जाल में फंसाना गिरोह का यही तरीका था. शादी के फ्रॉड के बाद बाद नकदी और जेवर लेकर भागना ही इनका तरीका था. कई मामलों में पकड़े जाने पर पैसे वापस करके समझौता करवा देते थे, जिससे केस कोर्ट तक नहीं पहुंचता. दोनों बच्चों को अनुराधा और विशाल ने अपने गांव दादा-दादी के पास छोड़ा, ताकि वे पूरे फोकस के साथ इस ठगी नेटवर्क को चला सकें.
कैसे करता था पूरा गैंग काम
गिरोह के अन्य सदस्य जिसमें रोशनी, सुनीता, गोलू, रघुवीर और मजबूत सिंह यादव, लोकल एजेंटों के जरिए शिकार तलाशते थे. पहले ग्राहक को सड़क पर लड़की से मिलवाना, फिर तुरंत पैसे की डिमांड कर शादी फाइनल कर देना, यही सबसे कॉमन स्क्रिप्ट थी. घर में कुछ दिन तक साथ रहकर विश्वास जीतते थे, फिर अचानक अनुराधा किसी बहाने से गायब हो जाती थी.
पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क में अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय है और जल्द ही मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार में भी छापेमारी की जा सकती है. कई पीड़ितों ने अब सामने आकर ठगी के किस्से साझा किए हैं, जिससे पुलिस के पास सबूतों की फेहरिस्त और लंबी हो रही है.
23 की उम्र में की 25 से ज्यादा शादियां
NDTV ने जब इस मामले में पुलिस से बात की तो पता चला कि लुटेरी दुल्हन 23 साल की उम्र में 25 से ज्यादा फर्जी शादियां कर चुकी हैं. हैरान कर देने वाली बात यह है कि हर बार शादी में उसका असली पति खुद को उसका भाई बताकर कन्यादान करता था. लुटेरी दुल्हन का असली नाम अनुराधा पासवान है जो भोपाल में अपने पति विशाल कुमार पासवान के साथ मिलकर एक बड़े ठगी गैंग को ऑपरेट कर रही थी. अनुराधा और विशाल ने खुद कबूला है कि वे पिछले 2 साल से मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में इस ठगी को अंजाम दे रहे थे.
गिरोह के पास था लोकल एजेंट्स और दलालों का बड़ा नेटवर्क
इस गैंग को चलाने के लिए बाकायदा पूरा सिस्टम बनाया हुआ था. गिरोह के पास लोकल एजेंट्स और दलालों का नेटवर्क था, जो शादी के लिए इच्छुक युवकों को टारगेट करते थे. मोबाइल पर लड़की की फोटो भेजी जाती और मिलवाने के लिए सड़क पर मुलाकात तय होती. लड़की पसंद आने पर तुरंत 2 से 5 लाख रुपये तक की डील होती और फर्जी इकरारनामा तैयार कर शादी करवा दी जाती. शादी के कुछ ही दिनों बाद अनुराधा घर से जेवर, नकदी और मोबाइल लेकर फरार हो जाती.
विशाल पेशे से ऑटो ड्राइवर है. शादी के बाद दोनों भोपाल में शिफ्ट हुए और दो बच्चों को अपने गांव छोड़कर ठगी के इस धंधे में उतर गए. दोनों ने अपने गैंग के साथ मिलकर राजस्थान में दो शिकार किए थे. जिसमे चित्तौड़गढ़ (डूंगला) में नेमीचंद नामक युवक ने 2024 में रिपोर्ट दी कि यूपी निवासी अनुराधा से शादी के बाद वह 2 लाख रुपये लेकर भाग गई. और सवाई माधोपुर (मानटाउन) में विष्णु शर्मा से 2 लाख रुपये लेकर अनुराधा शादी कर 12 दिन बाद फरार हो गई थी. इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भोपाल से अनुराधा को बोगस ग्राहक बनाकर गिरफ्तार किया.
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अगर किसी ने अनुराधा या उसके साथियों से शादी की हो और ठगी का शिकार हुआ हो, तो तुरंत स्थानीय थाने में संपर्क करें.
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