
Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद रियासतकालीन गांव के लोगों ने 30 साल बाद ऐसा नजारा देखा कि उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए. 30 सालों में दूसरी बार गांव में बहने वाली इकलौती खारी नदी ने लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी. उत्साहित ग्रामीणों ने वैदिक और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ नदी में पानी का स्वागत किया.
30 सालों से सूखी पड़ी थी नदी
यह नजारा देखने के लिए हजारों लोग जमा हुए थे, क्योंकि यह नदी 30 सालों से सूखी पड़ी थी. नदी में बहते पानी को देखने से पहले लोग प्राचीन नरसिंह माता और रानी माता मंदिर में एक्ट्ठा हुए, फिर नरसिंह माता और रानी माता मंदिर से जुलूस की शक्ल में बड़ी संख्या में लोग नदी तट पर पहुंचे. जिसमें महिलाएं पूरे रास्ते पारंपरिक भजनों पर नृत्य कर रही थीं.
खारी नदी को चुनरी ओढ़ाई
इससे पहले ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर नाचते-गाते श्रद्धालु तेलिया मोहल्ला, ब्राह्मण मोहल्ला, चारभुजा नाथ मंदिर, लक्ष्मी नारायण बड़ा मंदिर, घड़ी चौक होते हुए खारी नदी के तट पर पहुंचे. इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष देवीलाल साहू, पार्षदों और प्रबुद्ध नागरिकों ने खारी नदी को देवी मां का स्वरूप मानकर मंत्रोच्चार के साथ खारी नदी की विधिवत पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं ने मिलकर नारियल चढ़ाए. जयकारों के साथ खारी नदी को चुनरी ओढ़ाई. इस अवसर पर हजारों की संख्या में महिला-पुरुष नाचते-गाते चल रहे थे. नदी में पानी आने से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है.इससे कुएं, बावड़ी और नलकूपों का जलस्तर बढ़ेगा. यह नदी फसलों के लिए वरदान साबित होगी.
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