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Success Story: 70 फीसदी दिव्यांग रांची ने रचा इतिहास, शिक्षक बन नौनिहालों का संवार रहीं हैं भविष्य

दिव्यांग रांची गुप्ता  को खेलो का भी शौक है वह खेलों में अपना नाम रोशन कर चुकी है. उन्होंने कई पैरा ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर दौसा और राजस्थान का नाम रोशन कर चुकी हैं. 

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Success Story: 70 फीसदी दिव्यांग रांची ने रचा इतिहास, शिक्षक बन नौनिहालों का संवार रहीं हैं भविष्य
प्रेरणास्रोत बनीं दिव्यांग रांची गुप्ता
दौसा:

दिव्यांग होना अभिशाप नहीं खुद को तरासने का एक कठिन रास्ता है. यह कहना है दौसा की रांची गुप्ता का. 70 फीसदी दिव्यांग होने के बाद भी दौसा की रांची ने अपनी दिव्यांगता को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया और आज उन्हें जवाब दे दिया जो कहते हैं दिव्यांग व्यक्ति कुछ भी नहीं कर सकता है. रांची आज एक शिक्षक है और नौनिहालों का भविष्य संवार रहीं हैं.

दौसा जिले के सुभाष कॉलोनी की रांची गुप्ता 70 फीसदी दिव्यांग होने के बावजूद अपने पांव पर खड़ी है. अपने पांव खड़ी होकर रांची ने उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपनी दिव्यांगता को अपनी कमजोरी बनाकर बैठे हैं

कहते हैं सफलता के लिए दिव्यांगता कभी आड़ें नहीं युवती है, इसकी जीती-जागती उदाहरण बनकर उभरी हैं रांची गुप्ता. खुद से अपने दैनंदिन कार्य करने में भी अक्षम रांची गुप्ता की सहारा बनीं उनका मां और उनके दिए हौंसले और सहारे उन्होंने वह कर दिखाया, जो सामान्य लोगों के लिए कभी-कभी मुश्किल हो जाता है. 

70 फीसदी दिव्यांग रांची गुप्ता ने सरकारी अध्यापक बनकर रचा इतिहास

70 फीसदी दिव्यांग रांची गुप्ता ने सरकारी अध्यापक बनकर रचा इतिहास

तीन बेटियों में सबसे बड़ी बेटी रांची ने महज 23 वर्ष की उम्र में सरकारी अध्यापक बन चुकी है. रांची इससे पहले प्राइवेट नौकरी करती थीं, उन्होंने ई-मित्र का काम शुरू किया, अब वह शिक्षिका बन गई, तो रांची ने माता- पिता को ई-मित्र का काम सिखा दिया है, जो उसकी गैर मौजूदगी में उसके पिता रामबाबू मित्र संचालक का काम कर रहे हैं. 

दिव्यांग रांची गुप्ता  को खेलो का भी शौक है वह खेलों में अपना नाम रोशन कर चुकी है. उन्होंने कई पैरा ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर दौसा और राजस्थान का नाम रोशन कर चुकी हैं. 

रांची गुप्ता ने 9वीं राज्य स्तरीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप वर्ष 2019- 20 में क्लब थ्रो में स्वर्ण पदक का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं. वहीं, दिल्ली आयोजित 7वीं बोकिया राष्ट्रीय चैंपियनशिप वर्ष 2022-23 बोस्किया खेल में व्यक्तिगत में कांस्य पदक और डबल जोड़ी में स्वर्ण पदक जीतकर दौसा का नाम रौशन कर चुकी हैं.

पैरा ओलंपिक खेलों में दिव्यांग रांची गुप्ता जीत चुकी हैं पदक

पैरा ओलंपिक खेलों में दिव्यांग रांची गुप्ता जीत चुकी हैं पदक

साल 2022 में पहले अटेंप्ट में तृतीय श्रेणी अध्यापिका पद पर तैनात हुई दिव्यांग रांची गुप्ता जिले से 15 किलोमीटर दूर स्कूल में जाने के लिए मां का सहारा लेना पड़ता है. रांची की मां अनिता गुप्ता उसे स्कूल छोड़ती हैं और फिर उसे स्कूल से लेने जाती है.

वर्ष 2022-23 में  अलवर में आयोजित 12वीं राज्य स्तरीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022-23 में रजत पदक जीत चुकी है. वहीं, हाल में राजस्थान के चूरू में 13वीं राज्य स्तरीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023-24 में भी रांची गुप्ता स्वर्ण पदक जीता है.

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