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ब्लूटूथ से नकल करवाने वाला 25,000 का इनामी बदमाश गिरफ्तार, SOG की बड़ी कार्रवाई

राजस्थान SOG ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह के 25 हजार इनामी आरोपी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया. आरोपी ने LDC और EO/RO परीक्षाओं में ब्लूटूथ और स्पाई कैमरा से धांधली की थी.

ब्लूटूथ से नकल करवाने वाला 25,000 का इनामी बदमाश गिरफ्तार, SOG की बड़ी कार्रवाई
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप यानी SOG ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने वाले गिरोहों पर फिर से कड़ा प्रहार किया है. इस बार टीम ने 25 हजार रुपये के इनामी अपराधी जितेंद्र कुमार बिजारणिया को धर दबोचा. यह गिरफ्तारी दो बड़ी सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले में हुई है जहां आरोपी ने हाईटेक तरीकों से नकल करवाई थी. SOG के अधिकारी अब पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटे हैं जिससे परीक्षाओं की ईमानदारी पर सवाल उठे थे.

दो प्रमुख परीक्षाओं में की थी सेंधमारी

आरोपी जितेंद्र कुमार बिजारणिया जो 29 साल का है और चूरू जिले के रूखासर गांव का निवासी है वह दो अहम परीक्षाओं में वांछित था. पहली परीक्षा थी लिपिक ग्रेड-द्वितीय यानी LDC 2022 जो राजस्थान हाईकोर्ट ने आयोजित की थी. 12 मार्च 2023 को चूरू के एक सेंटर से उसने ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से नकल की. दूसरी थी राजस्व अधिकारी और अधिशासी अधिकारी यानी EO/RO परीक्षा 2022 जो 14 मई 2023 को हुई.

यहां भी उसने गिरोह के साथ मिलकर ब्लूटूथ से उत्तर हासिल किए. इस धांधली की वजह से राज्य सरकार को पूरी परीक्षा रद्द करनी पड़ी जिससे हजारों उम्मीदवारों को झटका लगा. SOG के अतिरिक्त महानिदेशक विशाल बंसल ने बताया कि आरोपी इन मामलों में मुख्य भूमिका निभा रहा था.

स्पेन से आया था स्पाई कैमरा

जांच में हैरान करने वाला राज खुला कि नकल गिरोह का सरगना पौरव कालेर स्पेन से ऑनलाइन एक खास 'इनोवा केम ड्रॉप बॉक्स स्पाई कैमरा' मंगवाता था. परीक्षा हॉल में आरोपी इस कैमरे से प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचकर बाहर भेजते. फिर पौरव और उसके साथी सवाल हल करके ब्लूटूथ से उत्तर बताते जिससे उम्मीदवार आसानी से लिख पाते. यह हाईटेक तरीका गिरोह को सालों से चला रहा था लेकिन SOG की नजर से नहीं बच सका.

एक साल की भागदौड़ खत्म रिमांड पर भेजा

जितेंद्र पिछले एक साल से फरार था और SOG ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था. अनुसंधान अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रकाश कुमार शर्मा की टीम ने 29 दिसंबर 2025 को उसे पकड़ा. मंगलवार को आरोपी को जयपुर के शीतकालीन सेशन कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 3 जनवरी 2026 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

रिमांड में गिरोह के अन्य सदस्यों और पूरे नेटवर्क के बारे में पूछताछ होगी. SOG को उम्मीद है कि इससे कई और बड़े नाम सामने आएंगे. यह कार्रवाई परीक्षाओं की पारदर्शिता बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है और उम्मीदवारों में विश्वास जगाएगी.

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