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राजस्थान की एक ऐसी दरगाह जहां झाड़ू चढ़ाने से होती है लोगों की मुरादें पूरी 

राजस्थान की प्रसिद्द ढ़ेर बाबा की दरगाह जहां लोग चादर नहीं बल्की झाड़ू चढ़ाने आते हैं. मान्यता के अनुसार झाड़ू चढ़ाने से लोगों की मुरादें पूरी हो जाती है. 

राजस्थान की एक ऐसी दरगाह जहां झाड़ू चढ़ाने से होती है लोगों की मुरादें पूरी 
दरगाह पर सफाई करते जायरिन

Barmer Dher Baba's Dargah: आपने मजारों और दरगाहों पर चादर चढ़ाते हुए देखा और सुना होगा. लेकिन बाड़मेर में एक ऐसी दरगाह भी है जिस पर चादर नहीं झाड़ू चढ़ाया जाता है. यह अनोखी दरगाह बाड़मेर में स्थित है. यह दरगाह है ढ़ेर बाबा है की जहां पर मन्नत पूरी होने पर अनुयायी झाड़ू लेकर पहुंचते है और पूरे दरगाह परिसर का झाड़ू से सफाई करने के बाद झाड़ू वही पर चढ़ाकर जाते है. मुस्लिमों के साथ हिंदू धर्म के लोग भी यहां आते है और हफ्ते में एक दिन जुमेरात यानी की गुरुवार शाम को इस दरगाह पर मेला लगता है.

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बाड़मेर शहर में स्थित है ढेर बाबा की दरगाह

यह दरगाह बाड़मेर शहर के बीच स्थित नरगासर नाड़ी के पास स्थित है. इस दरगाह को लेकर मान्यता है की जो भी श्रद्धालु बीमारी या तकलीफ में है वो इस मजार पर आकर इबादत करे. यहां स्थित जाल के पौधे के पत्ते चबाकर मन्नत मांगी जाती है. मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां आते है और इस मजार पर आकर प्रसाद चढ़ाकर और खजूर का झाड़ू लाकर मजार परिसर की सफाई करते हैं. साथ ही झाड़ू दरगाह पर ही अर्पण करके जाते हैं. झाड़ू के चढ़ाने के चलते यहां झाडू का ढ़ेर लग जाता है. इसलिए दरगाह का नाम ही झाड़ू ढ़ेर बाबा है.

450 साल पहले पाकिस्तान से आए थे

मजार के खिदमतगार अब्दुल रजाक हाशमी बताते है कि बाबा का नाम सैयद ढेर वली शाह हैं. करीब 460 साल पहले वह पाकिस्तान से आने वाले जत्थे के साथ बाड़मेर आएं थे. बता दे की सैयद जाति के लोग मुस्लिम समुदाय में धर्मगुरू माने जाते है. ऐसे में उनका इंतकाल होने के बाद दरगाह वाली जगह पर कब्र में दफनाया गया था और कब्र पर छोटी से मजार बनाई गई थी.

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झाड़ू चढ़ाने की मान्यता

इंतकाल के लंबे समय बाद बाबा किसी के सपने में आएं और कहा की मेरी मजार के आसपास ढेर सारा कचरा जमा हो गया है. ऐसे में जो भी व्यक्ति उसकी मजार पर झाड़ू ले जाकर सफाई करेगा और झाड़ू चढ़ाएगा मैं उसकी हर मन्नत पूरी करूंगा. उसी दिन से पर झाड़ू चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई. मजार वाली जगह अब दरगाह बनाई गई है. लोगों कि मान्यता है की जिस तरह हम दरगाह में झाड़ू से कचरा साफ करते है. बाबा उसी तरह से हमारे घर से तकलीफ और बीमारी साफ करते है. इस दरगाह को लेकर बाड़मेर के लोगों में जबरदस्त आस्था है. 

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