
राजस्थान में अक्सर रोडवेज बसों में टिकट चेकिंग होती रहती है. इनका मकसद बेटिकट यात्रा करने पर रोक लगाना होता है. कई बार ऐसी भी शिकायतें आती हैं कि बसों में बस संचालक या रोडवेज स्टाफ की मिलीभगत से यात्रियों से पैसे तो लिए जाते हैं लेकिन टिकट नहीं काटे जाते जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान होता है. पिछले दिनों राजस्थान के नागौर बस डिपो के बारे में रोडवेज मुख्यालय के पास ऐसी शिकायतें आई थीं कि वहां की बसों में बेटिकट यात्राएं करवाई जा रही हैं. कई बार बसों के कंडक्टर ही यात्रियों को बिना टिकट दिए यात्राएं करवा देते हैं. इसके बाद बेटिकट यात्रियों को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया.
जयपुर से नागौर जा रहे बस की चेकिंग
रोडवेज टीम ने नागौर बस डिपो में गड़बड़ी की शिकायत के बाद जयपुर से नागौर के लिए निकली एक बस की दो बार चेकिंग करवाई. पहली बार चेकिंग दस्ते ने पुष्कर में बस में टिकट चेकिंग की. उस समय सुबह के लगभग 4 बज रहे थे. पहली चेकिंग में 49 यात्रियों के पास टिकट नहीं मिले. यात्रियों ने बताया कि उन्होंने किराया दिया है लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद इन 49 यात्रियों पर रिमार्क लगाया गया.
दोबारा हुई चेकिंग
पुष्कर से निकलने के बाद जब यह बस नागौर जिले में पहुंची तो वहां इसकी दोबारा चेकिंग हुई. वहां इस बस में फिर 8 यात्री बेटिकट पाए गए. सभी यात्रियों को चेतावनी दी गई कि बेटिकट यात्रा करना जुर्म है और पकड़े जाने पर जुर्माना और कार्रवाई की जा सकती है.
मीडिया में दी गई जानकारी के अनुसार रोडवेज की चेयरमैन शुभ्रा सिंह और एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने रोडवेज प्रशासन को बेटिकट यात्रा पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है. इसी के बाद ऐसे विशेष चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं.
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