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सरिस्का में बफर जोन में करणी माता मंदिर के पास बाघिन ने दिया शावकों को जन्म, मेले की वजह से सरिस्का प्रशासन की चिंता बढ़ी 

Sariska News: मंदिर से महज कुछ ही दूरी पर बाघिन का शावक के साथ मूवमेंट बना हुआ है. कैमरा ट्रैप में आई फोटो करणी माता मंदिर के पास बावड़ी के आसपास की है. इसलिए भक्तों को बहुत अधिक सावधानी की जरूरत है.

सरिस्का में बफर जोन में करणी माता मंदिर के पास बाघिन ने दिया शावकों को जन्म, मेले की वजह से सरिस्का प्रशासन की चिंता बढ़ी 

Alwar News: अलवर के सरिस्का के बल किला बफर क्षेत्र में अब बाघिन द्वारा शावक को जन्म देने का वीडियो सामने आने के बाद आगामी दिनों में दो दिवसीय करणी माता मेले ने सरिस्का प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.  सरिस्का बफर में स्थित करणी माता मंदिर में 22 सितंबर से लगने वाले नवरात्रि मेले में भक्तों को अब और ज्यादा सावधानी रखनी होगी.  असल में मंदिर की बावड़ी के पास ही टाइग्रेस ST-2303 ने शावक को जन्म दिया है. 

मानसून के दौरान हुई जबरदस्त बरसात के बाद इस क्षेत्र की मुख्य सड़क भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके कारण इस साल मानसून में जंगल सफारी भी बंद रखी गई है. हाल ही कैमरा ट्रैप में बाघिन शावक के साथ तस्वीर सामने आई है.  अब सरिस्का के बफर जोन के जंगल में कुल टाइगर, टाइग्रेस व शावक की संख्या बढ़कर 10 हो गई है.  सरिस्का के बफर जोन में सबसे अधिक टाइग्रेस ST-19 ने शावक जन्में हैं.  यह टाइग्रेस ST-2303 भी टाइग्रेस ST-19 की शावक रही है. 

मंदिर के पास बाघिन का शावक के साथ मूवमेंट

मंदिर से महज कुछ ही दूरी पर बाघिन का शावक के साथ मूवमेंट बना हुआ है. कैमरा ट्रैप में आई फोटो करणी माता मंदिर के पास बावड़ी के आसपास की है. इसलिए भक्तों को बहुत अधिक सावधानी की जरूरत है. आसपास के जंगल में टाइग्रेस की बराबर टेरिटरी है और अब शावक भी हैं. अभी एक ही शावक तस्वीर में सामने आया है, लेकिन हो सकता है शावक की संख्या एक से अधिक हो. 

सरिस्का के बफर जोन में कुल टाइगर की संख्या बढ़कर 10 हो गई है

सरिस्का के बफर जोन में कुल टाइगर की संख्या बढ़कर 10 हो गई है, जिनमें 5 शावक हैं, 4 टाइग्रेस व एक टाइगर है.  एक तरह से ये अधिकतर शावक टाइगर ST-18 के शावक हैं. अब अलवर के सरिस्का के बफर जोन में कुल 10 टाइगर हो गए हैं.  ST-19 ने यहां आकर शावकों का कुनबा बढ़ाया है.  ST-19 ने पहले 2 शावक, फिर 3 शावक और पिछले साल 4 शावक जन्में थे. 

प्रवेश केवल सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही रहेगा

हाल में ही करणी माता मेला कमेटी की बैठक में भी कई निर्णय लिए गए, जिसमें इस बार मार्ग टूटा होने के चलते वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है और प्रवेश केवल सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही रहेगा. श्रद्धालुओं को शाम 6 बजे से पूर्व जंगल से बाहर आना होगा. मेले के दौरान वन विभाग की टीम लगातार बाघिन की मूवमेंट पर नजर रखेंगी, जिससे श्रद्धालुओं और वन्यजीव के बीच कोई टकराव की स्थिति सामने नहीं आए. 

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