ACB Action: अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उसका अभियान लगातार प्रभावी ढंग से जारी है. गुरुवार को कार्रवाई में एसीबी ने तकनीकी पर्यवेक्षक नैथूलाल महावर को प्रधानमंत्री सूरजमुखी मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर पैनल फाइलों को आगे बढ़ाने के बदले 15 हजार रुपये रिश्वत मांगने और 14 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया. शिकायत मिलने के बाद एसीबी इंटेलिजेंस यूनिट ने पूरे मामले की गुप्त तरीके से सत्यापन किया. आरोपी की रिश्वत मांगने की पुष्टि होते ही एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई और तय लेन–देन के समय कार्रवाई करते हुए आरोपी को दबोच लिया. टीम ने मौके पर केमिकल जांच के माध्यम से रिश्वत लेने के सबूत भी पुख्ता किए.
कैसे होती है एसीबी की ट्रैप कार्रवाई पूरी प्रक्रिया बेहद गोपनीय
एसीबी की ट्रैप कार्रवाई बेहद व्यवस्थित और गोपनीय तरीके से की जाती है. जब कोई शिकायतकर्ता अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने की सूचना देता है, तो सबसे पहले एसीबी उसकी शिकायत का प्रारंभिक सत्यापन करती है. इसके बाद ‘प्रि-ट्रैप' कार्रवाई की जाती है, जिसमें नोटों पर फिनॉलफ्थेलीन पाउडर लगाया जाता है और पंच गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता को आगे भेजा जाता है. तय स्थान पर जैसे ही आरोपी रिश्वत की राशि स्वीकार करता है, एसीबी टीम तत्काल उसे रंगे हाथ पकड़ लेती है. हाथों और जेब की केमिकल जांच से रिश्वत लेने के प्रमाण मिलते हैं, जो बाद में कोर्ट में भी मजबूत सबूत साबित होते हैं. पूरी कार्रवाई वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ साक्ष्यों सहित दस्तावेजीकृत की जाती है.
ACB ने की आम लोगों से अपील
राजस्थान एसीबी नागरिकों से अपील करती है कि यदि किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा किसी भी प्रकार की रिश्वत मांगी जाती है, तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं. एसीबी शिकायतकर्ता की पूरी पहचान गोपनीय रखती है और हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करती है. शिकायत निम्न नंबरों पर दर्ज कराई जा सकती है —
एसीबी हेल्पलाइन: 1064
राजस्थान एसीबी कंट्रोल रूम: 0141–2712309
एसीबी अजमेर यूनिट: 0145–2621064
भ्रष्टाचार रोकने में जनसहभागिता सबसे बड़ी ताकत है. ACB ने साफ कहा है “रिश्वत मांगने वाला कहीं भी हो, बख्शा नहीं जाएगा.”
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