ACB Action in Rajasthan: रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के बाद भी राजस्थान में घूसखोरी समाप्त नहीं हो रही है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम लगातार करप्ट कर्मियों पर कार्रवाई कर रही है. लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में कमोवेश हर रोज किसी न किसी जिले से घूसखोरी की खबर सामने आ ही जाती है. इस कड़ी में गुरुवार को उदयपुर और जयपुर से एसीबी की दो कार्रवाई की खबरें सामने आई. उदयपुर में एसीबी ने एक सरपंच को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया तो जयपुर में नगर निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक और सफाई कर्मचारी को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
जयपुर नगर निगम से दो कर्मियों की गिरफ्तारी
मिली जानकारी के अनुसार एसीबी ने गुरुवार को नगर निगम हेरिटेज जयपुर के कार्यवाहक स्वास्थ्य निरीक्षक विक्रम बिवाल व सफाई कर्मचारी विनोद कुमार को शिकायतकर्ता से 40 हजार रुपये रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया है. बयान के अनुसार शिकायतकर्ता ने कहा कि उसकी माता की पेंशन स्वीकृत करवाने की एवज में आरोपी विक्रम बिवाल 1.50 लाख रुपये की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा है. बयान में कहा गया है कि टीम ने कार्यवाही करते हुए आरोपी स्वास्थ्य निरीक्षक एवं सफाई कर्मचारी को शिकायतकर्ता से 40 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है.
उदयपुर में सरपंच को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा
राजधानी जयपुर से अलावा उदयपुर में एसीबी की स्पेशल टीम ने गुरुवार को उमरड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच हीरालाल मीणा को रिश्वत के 25 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. इस मामले में प्रार्थी द्वारा शिकायत की गई कि भूमि के इंडस्ट्रीयल उपयोग का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में सरपंच द्वारा परिवादी से 1 लाख रुपए की रिश्वत राशि मांगी जा रही थी. रिश्वत की राशि की मांग करने की पुष्टि होने के बाद स्पेशल यूनिट द्वारा करवाई कर ट्रेप किया गया.
इंडस्ट्री लगाने के लिए NOC देने के लिए मांग रहा था घूस
एसीबी डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि परिवादी ने एसीबी की स्पेशल यूनिट में आरोपी सरपंच हीरालाल मीणा के खिलाफ रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी. शिकायत कर्ता ने बताया था कि परिवादी की गांव उमरड़ा जमीन है और वह उस जमीन पर इंडस्ट्री लगाना चाहता है. सरपंच द्वारा रिश्वत की राशि उदयपुर में लेने की बात कही. एसीबी डीएसपी उमेश ओझा के नेतृत्व में टीम ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें सरपंच
हीरालाल द्वारा रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई.
कार में घूस की राशि लेते ही टीम ने किया ट्रैप
इसके बाद एसीबी निरीक्षक रतनसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम ट्रेप कर लिया. सरपंच हीरालाल मीणा ने परिवादी को रिश्वत राशि देने के लिये उदयपुर के रेती स्टैंड स्थित पंचायत समिति गिर्वा कार्यालय पर बुला लिया. रिश्वत की राशि लेकर जब पंचायत समिति गिर्वा कार्यालय पहुंचा तो सरपंच उसे गिर्वा कार्यालय के बाहर ही कार में मिला. जैसे ही सरपंच हीरालाल पुत्र कालु मीणा ने परिवादी से रिश्वत राशि रुपए प्राप्त किए, एसीबी की स्पेशल टीम ने उसे दबिश देकर उसे धर दबोचा और उसके कब्जे से रिश्वत राशि बरामद की.
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