ACB Action: राजस्थान में भ्रष्टाचार का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कस रहा है. लेकिन इसके बावजूद भ्रष्ट कर्मी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एसीबी की टीम ने एक सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. लेकिन आश्चर्य की बात यह कि गिरफ्तारी के बाद भी सरपंच के माथे पर शिकन नहीं दिख रहा था. गिरफ्तारी के बाद ग्राम पंचायत सरपंच ठहाके लगाते दिख रहे थे.
दरअसल, चित्तौड़गढ़ के सहनवा ग्राम के सरपंच भेरू लाल सुथार और ग्राम विकास अधिकारी (VDO) दीपक चतुर्वेदी को 70 हजार की रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
ठेकेदार के 7 लाख के बिल के लिए मांगी थी रिश्वत
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि ठेकेदार ने सहनवा ग्राम पंचायत के बोजुन्दा में स्कूल के दो कमरें और एक बरामदे का निर्माण करवाया गया था. स्कूल निर्माण के लिए ठेकेदार को 22 लाख रुपये का कॉन्ट्रेक्ट मिला हुआ था. वहीं, इस काम के लिए ठेकेदार को पहली किश्त के रूप में 7 लाख 65 हजार रुपये के बिल का भुगतान होना था. लेकिन इस राशि को VDO और सरपंच के द्वारा पास नहीं किया जा रहा था. जबकि बिना रिश्वत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी एक दूसरे को OTP शेयर नहीं कर रहा था. इस वजह से भुगतान की प्रक्रिया लटकी हुई थी. लेकिन भुगतान राशि पर दोनों को 5-5 फीसदी रिश्वत तय होने के बाद ओटीपी दिया गया. इसके बाद ठेकेदार का भुगतान भी हो गया. लेकिन इस दौरान ठेकेदार ने ACB को शिकायत दे दी गई.
इसके बाद एसीबी ने इस शिकायत का सत्यापन करवाया. वहीं गुरुवार (9 जनवरी) को एसीबी की टीम ने सरपंच और वीडीओ को ट्रैप करने की योजना बनाई. जिसमें सरपंच भेरू लाल सुथार 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. इसमें 35 हजार वीडीओ दीपक चतुर्वेदी का भी था. वहीं VDO को पंचायत समिति के गेट पर पकड़ लिया गया.
एसीबी कर रही है पूछताछ
एसीबी की टीम अब सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी से पूछताछ कर रही है. वहीं इन से जुड़े लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. अब इन लोगों को चित्तौड़गढ़ कोर्ट में पेश भी किया जाएगा.
हंसते दिखा सरपंच और एसडीओ के छूटे पसीने
गिरफ्तारी के बाद जहां सरपंच भेरू लाल सुथार को ठहाके लगाते देखा गया. लेकिन VDO दीपक चुतर्वेदी के पसीने छूट रहे थे. चूकि दीपक चतुर्वेदी एक सरकारी अधिकारी है. ऐसे में उनके नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है. माना जा रहा है कि इस मामले में और खुलासे भी हो सकते हैं. वहीं इनके ठिकानों को भी खंगाला जाएगा.
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