राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग समाज के लिए सरकार अलग-अलग काम में जुटी है. इसी कड़ी में अब बुधवार को गहलोत सरकार ने अग्रसेन समाज के लिए एक कल्याण बोर्ड का गठन किया है. राज्य अग्रसेन कल्याण बोर्ड अग्रसेन समाज की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के साथ-साथ इस समाज की बेहतरी के लिए सरकार को सुझाव देगी. बताया गया कि यह बोर्ड अग्रवाल समाज की स्थिति का जायजा लेने के साथ ही प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा इनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए राज्य सरकार को सुझाव देगा.
बोर्ड समाज कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं पेश करने, फिलहाल चल रही विभिन्न योजनाओं के संबंध में विभिन्न विभागों से समन्वय करने, समाज के परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा समाज के शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नयन तथा अग्रवाल समाज के व्यापार की उन्नति में आ रही अड़चनों तथा परेशानियों को दूर करने के बारे में सुझाव देगा.
एक सरकारी बयान के अनुसार बोर्ड में पांच गैर सरकारी सदस्य (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा तीन सदस्य) होंगे. साथ ही, वाणिज्यिक कर विभाग, उद्योग विभाग, शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव/आयुक्त/निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे.
बोर्ड में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी सचिव होंगे. राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा.
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