Air Pollution in Rajasthan: दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. देश की राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण की चर्चा तो सब जगह होती है, लेकिन देश के अन्य राज्यों के शहरों की जहरीली हवा की चर्चा उतनी नहीं हो पाती. लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली से कहीं ज्यादा जहरीली हवा देश के अन्य राज्यों की शहरों की है. 14 नवंबर को जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पांच शहर राजस्थान के हैं. राज्य में चुनाव है, लेकिन जहरीली हवा पर कोई चर्चा नहीं हो रही. दूसरी ओर मेडिकल साइंस कहती है कि जहरीली हवा का लोगों की सेहत पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है.
14 नवंबर को राजस्थान का हनुमानगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर
मंगलवार को जारी लिस्ट में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले को देश का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है. यहां का AQI 436 रिकॉर्ड किया गया. जो बेहद खतरनाक श्रेणी का होता है. हनुमानगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर बिहार का सीवान जिला है. जहां AQI 423 रिकॉर्ड किया गया. तीसरे स्थान पर फिर राजस्थान का एक जिला है. तीसरे स्थान पर धौलपुर है. यहां का AQI 401 दर्ज किया गया.
इसके अलावा देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राजस्थान का भरतपुर (AQI 397) चौथे स्थान पर, भिवाड़ी (AQI 374) नौवें स्थान पर जबकि चूरू (AQI 373) के साथ दसवें स्थान पर हैं.
बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव
राजस्थान में वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभाव दूरगामी हैं. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन रोग बढ़ रहे है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में. हृदय रोग भी वायु प्रदूषण से जुड़े है, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर दबाव पड़ रहा है.
वायु प्रदूषण की आर्थिक लागत भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. कम उत्पादकता, बढ़े हुए स्वास्थ्य सेवा व्यय, और फसलों और संपत्ति को नुकसान सभी ने राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है. राज्य अब वायु प्रदूषण संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकता.
कैसे बचाव करें?
राजस्थान में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. पर्यावरणीय नियमों को सख्ती से लागू करना, स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना और जन जागरूकता अभियान सभी आवश्यक कदम है. राज्य सरकार को सामूहिक परिवर्तन लाने के लिए उद्योगों, किसानों और नागरिकों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
आगामी विधानसभा चुनावों के बीच यह मुद्दा भी पार्टियों को ध्यान में रखना जरुरी है. राजस्थान के लोग स्वच्छ हवा में सांस लेने के, ऐसे राज्य में रहने के हकदार हैं जहां जिस हवा में वे सांस लेते हैं उससे उनके स्वास्थ्य और खुशहाली से कोई समझौता न हो. अब समय आ गया है कि राजस्थान अपने स्वच्छ आसमान को पुनः प्राप्त करे, वायु प्रदूषण की बेड़ियों से छुटकारा पाए और एक स्वस्थ, उज्जवल भविष्य अपनाए.
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