Scam in government hospital in Nasirabad: अजमेर जिले के नसीराबाद में सरकारी हॉस्पिटल में लाखों रुपए का घोटाला उजागर हुआ है. बीते 15 दिन से चल रही ऑडिट में इस घोटाले का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती जांच में कर्मचारी की मिलीभगत से करीब 70 लाख रुपए का घपला सामने आया है. सीएमओ के बाबू तिलकराज गर्ग शक के घेरे में हैं. वहीं, हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. विनय कपूर की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है. ऑडिट (Audit report) में 69 लाख रुपए से ज्यादा रिकवरी निकाली गई, जबकि सीएमओ के बाबू ने 2 दिन में 29 लाख रुपए जमा कर दिए है. हालांकि पीएमओ डॉक्टर विनय कपूर ने घोटाले के मामले को लेकर कोई FIR दर्ज नहीं कराई है.
आगामी 13 नवंबर तक जारी रहेगी ऑडिट
बड़ा सवाल यही है कि क्या ट्रेजरी अधिकारी की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव है? इस स्कैम की जानकारी चिकित्सा निदेशक, उपनिदेशक और वित्त विभाग को जानकारी भेजी गई है, जिसके बाद उप निदेशक ने पीएमओ डॉ. विनय कपूर को मामले की पूछताछ के लिए बुलाया गया. पीएमओ ने बताया कि राजतिलक गर्ग ने 46 हजार रुपए जमा कराए हैं. वही, ऑडिट की कार्यवाही 13 नवंबर तक जारी रहेगी.
बड़ा सवाल: पीएमओ ने क्यों दर्ज नहीं कराई एफआईआर?
जब इस मामले में FIR दर्ज नहीं कराने की वजह के बारे में डॉ. कपूर से पूछा गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. वहीं, मामले के आरोपी राजतिलक गर्ग को भी रिकवरी का नोटिस दिया जा चुका है. आरोप है कि तिलकराज अपनी सैलरी का बिल बढ़ाकर उठाता था. उसने कभी 2.5 लाख तो कभी 4 लाख रुपए वेतन उठाया. मामले के खुलासे के बाद एक अन्य कर्मचारी की भी 4 लाख 80 हजार रुपए की रिकवरी निकली है.
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