Bharatmala Expressway Project: अजमेर जिले के नसीराबाद में भारतमाला एक्सप्रेस-वे परियोजना के विरोध में सोमवार को किसानों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा. बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर उपखंड अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय पहुंचे और कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया. हाथों में तख्तियां और जुबां पर'भारत माला परियोजना वापस लो', 'किसानों के हक पर डाका बंद करो' और 'जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे — नारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. किसानों ने दो टूक कहा कि उनकी उपजाऊ कृषि भूमि किसी भी कीमत पर नहीं ली जाने दी जाएगी. उनका कहना है कि यही जमीन उनकी रोजी-रोटी और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य है, जिसे छीना गया तो वे चुप नहीं बैठेंगे.
बिना सहमति और मुआवजे के अधिग्रहण का आरोप
प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि भारतमाला एक्सप्रेस-वे परियोजना लागू करने से पहले न तो किसानों की सहमति ली गई और न ही मुआवजे व पुनर्वास को लेकर कोई ठोस नीति सामने रखी गई. किसानों का कहना है कि यह परियोजना बड़े उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट हितों को साधने के लिए लाई जा रही है, जबकि किसान वर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
प्रदर्शन के समापन पर किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा. ज्ञापन में भारतमाला एक्सप्रेस-वे परियोजना को तत्काल निरस्त करने, किसानों की जमीन का अधिग्रहण रोकने और भविष्य में किसी भी विकास परियोजना में किसानों की सहमति, उचित मुआवजा व पुनर्वास सुनिश्चित करने की मांग की गई. किसानों ने साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ नसीराबाद तक सीमित नहीं रहेगी. जरूरत पड़ी तो अजमेर से जयपुर और दिल्ली तक आंदोलन को तेज किया जाएगा. किसानों के मुताबिक यह संघर्ष उनके हक, अस्तित्व और सम्मान की रक्षा की लड़ाई है, जिसे वे आखिरी दम तक लड़ने को तैयार हैं.
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