
JLN Hospital News: अजमेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू (JLN) अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. कफ सिरप से बच्चों की मौत के हालिया मामलों के बाद, अब जेएलएन अस्पताल के पीडियाट्रिक ब्लॉक की आईसीयू यूनिट में भर्ती एक बच्ची को एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया है. शनिवार देर रात हुई इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. बच्ची की तबीयत बिगड़ने से स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंप मच गया और सूचना मिलने पर अस्पताल प्रशासन सक्रिय हो गया. परिजन बच्ची को गलत इंजेक्शन लगाने के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
घटना की सूचना मिलते ही नर्सिंग स्टाफ और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों में हड़कंप मच गया. बच्ची की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने तुरंत अस्पताल प्रशासन को सूचना दी. रात भर चले हंगामे के बीच अस्पताल अधीक्षक डॉ. खरे को मौके पर बुलाया गया. परिजनों का आरोप है कि शिशु वार्ड में इंजेक्शन लगाने से पहले कोई जांच नहीं की गई और बच्ची को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया गया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है और दोषी स्टाफ को न केवल नोटिस जारी किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें निलंबित और मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए.
फार्मासिस्ट और नर्स पर गिरी गाज
अस्पताल अधीक्षक डॉ. खरे ने मामले को गंभीर मानते हुए प्रारंभिक जांच में लापरवाही की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि एक्सपायर्ड दवा फार्मासिस्ट के काउंटर से मिली थी, जिसे बिना जांचे नर्सिंग स्टाफ ने मरीज को इंजेक्ट कर दिया. इस पूरे मामले में फार्मासिस्ट कैलाश विश्नोई को निलंबित कर दिया गया है, जबकि संबंधित नर्स को नोटिस जारी किया गया है.
वहीं डॉ. खरे ने मामले को लेकर कहा कि यह गंभीर स्थिति है और भविष्य में इस तरह की गलती दोहराई न जाए, इसके लिए दवा वितरण प्रक्रिया में सख्त बदलाव किए जाएंगे.
एनीमिया की शिकायत पर भर्ती को बच्ची को कराया था भर्ती
डॉक्टर खरे ने बताया कि 8 साल की बच्ची को एनीमिया और इन्फेक्शन की शिकायत पर भर्ती कराया गया था. उसे मलेरिया के मरीजों के लगने वाला आरटीसुनेट इंजेक्शन लगाया गया. वार्ड में सप्लाई नहीं होने के कारण कैजुअल्टी के दवा काउंटर से इंजेक्शन मंगाया गया था.
स्वास्थ्य विभाग ने मांगी रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों ने तुरंत घटना की रिपोर्ट तलब कर ली है. प्रारंभिक कार्रवाई के तहत, नर्सिंग ऑफिसर राकेश मीणा और फार्मासिस्ट कैलाश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. वहीं, बड़ी कार्रवाई करते हुए फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है.
तीन दिन में पूरी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
इस गंभीर घटना को मेडिकल प्रशासन ने अस्पताल की छवि पर 'धब्बा' बताया है. प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को निर्देश दिए हैं कि एक जांच टीम इस पूरे मामले की तीन दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट सौंपे. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके.
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