करीब 70 साल से रह रहे एक परिवार का आशियाना यूआईटी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने उजाड़ दिया. ये जमीन इस परिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के पिता और अलवर के राजा प्रताप सिंह ने दान में दी थी. अलवर के शांतिकुंज में रह रहे इस परिवार के मकान को अतिक्रमण बताकर इस बाल्मिकी परिवार का घर उजाड़ दिया गया. अपना मकान टूटता देख इस परिवार के बुजुर्ग - महिला हाथ पैर जोड़ते रहे लेकिन अधिकारियों के सामने उनकी एक ना चल सकी.
पीड़ित के पास है बिजली का बिल और नगर परिषद की रसीद
पीड़ित के पास बिजली का बिल भी है और नगर परिषद की रसीद भी लेकिन इसके बावजूद इनका घर तोड़ दिया गया. दो दिन पहले इनका बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया था और अचानक नोटिस दे दिया गया. मंगलवार को भी अतिक्रमण हटाने का दस्ता यहां गया था लेकिन वो वापस आ गया था. ऐसा लग रहा है कि इस परिवार के साथ कोई साजिश की जा रही है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के पिता ने दी थी ये जमीन
ये परिवार राज परिवार के घोड़ों - बाड़ों की सफाई, रखरखाव करता था. तब ये जमीन राज परिवार ने सेवा करने वाले परिवार को मौखिक रूप से दान में दी थी. बिजली के बिल, नगर परिषद की रसीदों के बाद भी अधिकारियों ने इनके मकान को अतिक्रमण ही माना. पीडब्ल्यूडी के सचिव का कहना है कि ये जमीन पीडब्ल्यूडी की है, रोड की चौड़ाईकरण का काम होना है इसलिए अतिक्रमण को हटाया गया है. वहीं यूआईटी के सचिव अशोक कुमार का कहना है कि ये जमीन नगर विकास न्यास और सार्वजनिक निर्माण विभाग की है, ये लोग सरकारी जमीन पर बसे हुए हैं ऐसे लोगों का पुर्नवास कर दिया गया है इनको फ्लैट भी दिखा दिए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार इनके पास ऐसा कोई भी दस्तावेज नहीं है जिससे ये साबित हो सके कि इन्होंने ये जमीन दान में ली थी. अधिकारियों की माने तो ये जमीन राजकीय भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है.