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डीडवाना के मौलासर में शुरू हुआ पशुपालन प्रशिक्षण शिविर, बकरी और भेड़ पालन के नए तरीके सीखेंगे पशुपालक

प्रशिक्षण डीडवाना जिले के मौलासर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहा है, जहां जिले भर के पशुपालकों को भेड़ बकरी पालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जा रही है. इस प्रशिक्षण में मुख्य रूप से पशुपालन प्रबंधन, नस्ल प्रबंधन, आवास प्रबंधन, चारा और आहार प्रबंधन, बीमारी प्रबंधन और बाजार प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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डीडवाना के मौलासर में शुरू हुआ पशुपालन प्रशिक्षण शिविर, बकरी और भेड़ पालन के नए तरीके सीखेंगे पशुपालक
प्रशिक्षण केंद्र में मौजूद बकरियां

Didwana News: कृषि के साथ ही पशुपालन राजस्थान के किसानों की आय का प्रमुख जरिया रहा है. राजस्थान के लोग गाय के साथ ही ऊंट, भैंस और बकरियों को भी पालते हैं, ताकि उनकी आजीविका चलती रहे. मगर बदलते दौर में पशुपालन व्यवसाय धीरे-धीरे खत्म होने लगा है और लोग इस व्यवसाय से दूर होने लगे हैं. ऐसे में सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भेड़, बकरी पालन प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ किया है, जिसके माध्यम से पशुपालकों को भेड़, बकरी पालन की विस्तार से जानकारी दी जा रही है.

यह प्रशिक्षण डीडवाना जिले के मौलासर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहा है, जहां जिले भर के पशुपालकों को भेड़ बकरी पालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जा रही है. इस प्रशिक्षण में मुख्य रूप से पशुपालन प्रबंधन, नस्ल प्रबंधन, आवास प्रबंधन, चारा और आहार प्रबंधन, बीमारी प्रबंधन और बाजार प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आय दुगुना करने को लेकर तरह-तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है. उसी में से एक है छोटे और मझौले किसान, जो बकरी और भेड़ पालन के माध्यम से अपनी आय दुगुना कर सकते.

उनके लिए यह प्रशिक्षण शिविर का आयोजित किया जा रहा है. जिसमे जिलेभर से चयनित किसान वैज्ञानिक तरीके से भेड़ बकरी पालन पर प्रशिक्षण ले रहे है. कृषि विज्ञान केन्द्र, मौलासर पर विभिन्न जिलों से आए हुए 450 से भी अधिक किसानों को वैज्ञानिक तरीके से भेड़ व बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया गया है. इस प्रशिक्षण के बाद 20 से अधिक किसानों ने अपना व्यवसाय भी शुरू कर दिया है.

विभिन्न पहलुओं की दी जा रही जानकारी

किसानों को सात दिवसीय प्रशिक्षण में बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, टीकाकरण, उन्नत नस्लें, बाजार प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.साथ ही भेड़,बकरीयों में होने वाले विभिन्न रोगो की जानकारी एवं उपचार और बचाव के बारे में भी बताया गया है.

50 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा लोन

प्रशिक्षण के दौरान पशुपालकों को राष्ट्रीय पशुपालन योजना के बारे में भी जानकारी दी गई है. प्रशिक्षण के मुख्य प्रभारी डॉ. धीरज कुमार बागड़ी ने बताया की यह प्रशिक्षण आने वाले दिनों में सहभागी प्रशिक्षणार्थियों ले साथ साथ छोटे और सीमांत किसानों के लिए बकरी पालन किसी वरदान से कम नहीं होगा.

प्रशिक्षण के बाद सभी किसानों को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर किसान बैंकों से पशुपालन ऋण प्राप्त कर सकते हैं. जिसमें सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है.

यह लोन किसानों को पशुपालन व्यवसाय में संबल प्रदान करता है और उनकी आय बढ़ाने में भी मददगार सिद्ध होता है. इसके जरिए पशुपालक अपनी आय दुगुना कर सकेंगे. इस प्रशिक्षण में महिलाएं व पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं. यह एक ऐसा व्यवसाय जिसे गरीब किसान आसानी से शुरू कर सकता है.

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