RTE Admission: जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब दो नहीं, एक ही नगर निगम रहेगा. सरकार द्वारा जारी नई अधिसूचना के बाद यह व्यवस्था लागू हो गई है. इसी के साथ अब शिक्षा के अधिकार के तहत अभिभावक दोनों निगम क्षेत्र में कही भी आवेदन कर सकेंगे. दरअसल, आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मिलने वाले प्रवेश के लिए कैचमेंट एरिया की पाबंदी होने के कारण एक निगम क्षेत्र से दूसरे निगम क्षेत्र में प्रवेश नहीं हो पाते हैं. लेकिन अब दोनों निगम के एक हो जाने के बाद अभिभावक पूरे शहर के किसी भी स्कूल में आवेदन कर सकेंगे.
हालांकि प्रवेश के लिए स्कूल के निकटतम वार्ड के विद्यार्थी को ही प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद सीटें खाली रहने पर अन्य वार्डों के विद्यार्थियों को मौका मिलेगा.
निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या फिक्स करने की तैयारी
शिक्षा विभाग आरटीई के तहत प्रवेश के लिए नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है. जल्द ही इन नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा. आरटीई का नियम बने हुए 15 साल हो चुके हैं. इसके बाद अब शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या फिक्स करने की योजना बना रहा है. इसके लिए पिछले तीन वर्षों में हुए प्रवेश का औसत निकाला जाएगा. इसके बाद औसत के आधार पर स्कूल में प्रवेश की सीटें तय होंगी.
सामान्य प्रवेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा
नए नियम के आने से स्कूल में सीट फिक्स हो जाएंगी. इससे प्रवेश प्रक्रिया भी आसान होगी. अभी तक के नियम के मुताबिक तीन सामान्य एडमिशन के बाद एक आरटीई के बच्चे को प्रवेश मिलता था. यानी आरटीई के निःशुल्क और सामान्य फीस भरने वाले प्रवेश में 3:1 का अनुपात था. लेकिन इसके चक्कर में आरटीई के बच्चे को सामान्य विद्यार्थी के प्रवेश का इंतजार करना पड़ता था. अब स्कूलों में सीटें फिक्स होने से विद्यार्थियों को सामान्य प्रवेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
शिक्षा विभाग आरटीई की नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है RTE
जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग आरटीई की नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है. विभाग की योजना है कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस बार जनवरी से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. ताकि एक अप्रैल से आरटीई के तहत चयनित बच्चों की पढ़ाई समय पर शुरू हो सके.
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि नए साल में शिक्षा का अधिकारी प्रक्रिया सरल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. यह एक सराहनीय कार्य है. लेकिन हमारी मांग अभी भी वह है कि अभी इस सत्र में जिन लोगों के एडमिशन नहीं हुए हैं. उनके लिए विभाग के पास क्या प्लान है.