
Rajasthan Politics: कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पार्टी ने उनके साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता रंजन चौधरी को भी एआईसीसी सीनियर आब्जर्वर बनाया है. इन तीनों नेताओं को बिहार में चुनावी रणनीति, उम्मीदवार चयन और प्रचार अभियान के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा राजस्थान से कई नेताओं को जिला स्तर पर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. इनमें हरीश चौधरी, अशोक चांदना, रामलाल जाट, रफीक खान, अभिमन्यु पूनिया, करण सिंह उचियारड़ा और अनिल चोपड़ा समेत अन्य नेता शामिल हैं. पार्टी संगठन ने इन नेताओं को जिला पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करते हुए बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने और चुनावी प्रबंधन को गति देने का निर्देश दिया है.
ज़िम्मेदारी के मिलने के बाद क्या कहा ?
ज़िम्मेदारी के मिलने के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, '' पार्टी जो हुकुम देती है वो तो कह रखा है आपको, वो पार्टी जब कोई आदेश जारी करती है तो हमारा धर्म बनता है हमारा कर्तव्य बनता है कि कैसे हम उसको निभाएं तो वो हमारी बातचीत शुरू हो गई है आपस के अंदर और हम लोग कल परसों आपस में मिल भी रहे हैं या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं तो हमने जो कार्यवाही करनी थी वो प्रारंभ कर दी है बातचीत शुरू हो गई है.

''EC बता नहीं पा रहा कि भई कौन से विदेशी आ गए थे''
उन्होंने आगे कहा, ''मैं समझता हूं चुनाव को हम सब को चुनौती के रूप में लेना है क्योंकि जिस प्रकार का माहौल देश में बन गया है उससे लोग चिंतित थे, वोट चोरी के आरोप लगे हैं, 65 लाख वोटों के अंदर वो कह रहे थे कि बाहर के लोग आ गए हैं इसलिए कटे हैं, इलेक्शन कमीशन बता नहीं पा रहा कि भई कौन से विदेशी आ गए थे''
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