Rajasthan News: राजस्थान के बालोतरा जिले के सवाऊ पदमसिंह गांव में मंगलवार शाम एक चौराहे पर मूर्ति लगाने को लेकर विवाद हो गया. कुछ लोगों ने रातों रात यहां स्टैंड बनाकर लोक देवता वीर तेजाजी की मूर्ति चौराहे पर लगाई थी. जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने बिना अनुमति लिए लगाई गई उस मूर्ति को हटाकर अपने कब्जे में ले लिया. लेकिन इस कार्रवाई की भनक ग्रामीणों को लग गई, जिसके बाद प्रशासन को उनके विरोध का सामना करना पड़ा.
धरने पर बैठ गए नाराज ग्रामीण
सरपंच ओम प्रकाश ने प्रशासन से मूर्ति वापस करने की मांग करके उसे सरकारी खर्च पर दोबारा स्थापति करने की मांग की. लेकिन प्रशासन ने कार्यवाही जारी रखी, जिस पर विवाद बढ़ गया और ग्रामीण धरने पर बैठ गए. लोक देवता की मूर्ति हटाने की कार्रवाई के वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गए, जिसके बाद सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल सहित कई जनप्रतिनिधियों ने प्रतिक्रिया देते हुए इस पर अपना विरोध जताया.
'मूर्ति वापस लाकर बनाएंगे मंदिर'
देर रात सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी सवाऊ पदमसिंह गांव पहुंच गए और मूर्ति जब्त करने का विरोध करते हुए प्रशासन से बातचीत करने लगे. इस दौरान सांसद ने धरने पर बैठे लोगों से भी शांति बरतने की अपील की. उन्होंने कहा, 'प्रशासन द्वारा अचानक की गई कार्रवाई सही नहीं है. जल्द की वीर तेजाजी की मूर्ति वापस लाई जाएगी और पास ही खातेदारी में मूर्ति स्थापित कर मन्दिर भी बनाया जाएगा.'
यह है विवाद की वजह
इस विवाद के पीछे जमीन विवाद कारण बताया जा रहा है. दो दिन पूर्व गांव के तेजाराम सुथार सहित कई ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर चौराहे पर अतिक्रमण व मूर्ति स्थापना की शिकायत पेश की थी. तेजाराम ने ज्ञापन में बताया कि चौराहे के चारो तरफ उसकी व उसके भाईओं की जमीन आई हुई है. कुछ लोग उसकी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से बिना अनुमति मूर्ति स्थापित कर रहे हैं, जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. तेजाराम की शिकायत पर प्रशासन ने बिना अनुमति मूर्ति स्थापना पर कार्यवाही करते हुए मूर्ति को जब्त किया.
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