राजस्थान के बांसवाड़ा में एक्सीडेंट में पिता की मौत दिखाकर बीमा के 50 लाख लेने के मामले में 2 वकीलों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों वकील भी इस फर्जीवाड़े में शामिल रहे हैं. उन्होंने मृतक के बेटे योगेंद्र के साथ मिलकर बीमा कंपनी से 16 मई 2015 को 50 लाख रुपए की पॉलिसी करवाई थी. फर्जी तरीके से बीमा के 50 लाख रुपये लेने के मामले में पुलिस अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
फर्जीवाड़े में शामिल थे दोनों वकील
जानकारी के अनुसार, बोरवट निवासी देवेंद्र पटेल की मौत का झूठा क्लेम उठाने में मृतक के बेटे योगेंद्र के साथ दो वकील बोदला निवासी हितेश पटेल और सालिया निवासी महेंद्र पटेल का भी हाथ है. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया. डीएसपी सूर्यवीर सिंह ने बताया कि दोनों ने देवेंद्र पटेल को कैंसर रोग होने के बाद भी उसके बेटे योगेंद्र के साथ मिलकर बीमा कंपनी से 16 मई 2015 को 50 लाख रुपए की पॉलिसी करवाई थी. इस पॉलिसी में एक्सीडेंट मौत होने पर 100 प्रतिशत सम इंश्योर का प्रावधान था.
फर्जीवाड़ा करके ले ली अनुकंपा नियुक्ति
मौत की सूचना पर तुरंत दोनों वकील भी अस्पताल पहुंचे और शव को मोर्चरी में शिफ्ट कराया, जहां तत्कालीन पीएमओ डॉ रवि उपाध्याय और एएसआई योहन कुमार के साथ मिलकर साजिश रची और फर्जी दस्तावेज तैयार करके प्राकृतिक मौत को एक्सीडेंट बताया. बीमा के 50 लाख रुपये के लिए फर्जीवाड़ा करने के साथ-साथ आरोपी एलडीसी योगेंद्र पटेल अपने पिता की अनुकंपा नियुक्ति लेकर बाबू भी बन गया.
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सदर थाना पुलिस ने दो दिन पहले तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रवि उपध्याय, तत्कालीन पुलिस अधिकारी योहन कुमार और अनुकम्पा नियुक्ति पाने वाले मृतक के बेटे को गिरफ्तार किया है. अब दो वकीलों की भी शनिवार को गिरफ्तारी हो गई है.
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