Banswara News: राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य है 'आमजन में विश्वास, अपराधियों में डर'. इस ध्येय वाक्य को बांसवाड़ा की पुलिस ने सार्थक करके दिखाया है. अपराधियों की धरपकड़ के साथ अपराध नियंत्रण करने में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस का समाज में सख्त रवैया माना जाता है. लेकिन यही पुलिस कई मौकों पर मानवीय संवेदना भी दिखाती है. शनिवार को बांसवाड़ा के घाटोल में ऐसी ही मानवीय मिसाल देखने को मिली. जहां घाटोल पुलिस ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को रात में अस्पताल ले जा रहे परिजनों की कार खराब हो जाने पर पुलिस वाहन में उसे सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया. पुलिस की इस मानवीयता की वजह से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
दरअसल, रात 1 बजे के घाटोल पुलिस की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर विलवापाड़ा के पास गश्त रही थी, जिसमें हैड कांस्टेबल जितेंद्र कलाल और चालक शंभूलाल बैठे हुए थे. इसी दौरान उन्होंने सड़क किनारे दरवाजे खुली कार देखी तो पुलिस ने उनसे पूछताछ की. कार में पांचमहुड़ी निवासी गर्भवती 25 वर्षीय दुर्गा पत्नी देवीलाल बरोड़ दर्द से कराह रही थी. देर रात सड़क किनारे कार खड़ी रखने की वजह पूछी तो परिजनों ने बताया कि वह गर्भवती को खमेरा अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन कार खराब हो गई है. इधर, महिला की लगातार बढ़ती तकलीफ से परिजन चिंतित हो रहे थे.
महिला ने पुलिस वाहन में दिया बच्ची को जन्म
इस दौरान पहुंची पुलिस ने बिना कोई देरी किए तुरंत अपने वाहन में बिठाकर खमेरा अस्पताल ले गए. इस दौरान अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर पहुंचते-पहुंचते महिला ने पुलिस वाहन में ही पुत्री को जन्म दिया. इसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
'पुलिस के प्रति हमारी सोच बदल गई'
महिला और नवजात सुरक्षित है. पुलिस की इस मदद से परिजन काफी खुश हैं. सुबह जब पुलिसकर्मी महिला का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे तो परिजनों ने कहा कि पुलिस को काफी सख्त माना जाता है, लेकिन इस तरह से उनकी मदद ने सोच को पूरी तरह से बदल दिया. रात को पुलिस उनके लिए बड़ी मददगार बनकर आई.
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