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This Article is From Jan 13, 2024

मुंह में मिठास घोल देती है श्रीगंगानगर के साधुवाली गांव की गाजर, देश के कई हिस्सों में इसकी जबरदस्त मांग

पिछले कुछ सालों से साधुवाली के किसानों ने परंपरागत खेती के साथ-साथ गाजर के उत्पादन में दिलचस्पी दिखाई है और देखते ही देखते ही सभी किसानों ने गाजर उत्पादन में अपना रुझान दिखाना शुरू किया. साधुवाली नाम के इस गांव को देश भर में गाजर की वजह से जाना जा रहा है.

मुंह में मिठास घोल देती है श्रीगंगानगर के साधुवाली गांव की गाजर, देश के कई हिस्सों में इसकी जबरदस्त मांग
मिठास और रंग से भरपूर हैं साधुवाली गांव की गाजर

Sri Ganganagr Sadhuwali Village's Carrot: श्रीगंगानगर जिले का साधुवाली गांव देशभर में अपनी अलग पहचान बना रहा है. गांव की अलग पहचान की वजह यहां पैदा होने वाली गाजर से है. गांव साधुवाली के खेतों में पैदा होने वाली गाजर अपनी खास मिठास की वजह से देशभर में अलग ही पहचान कायम कर रही है. श्रीगंगानगर में राजस्थान-पंजाब सीमा के नजदीक बसे साधुवाली गांव के बाशिंदों का मुख्य रोजगार खेतीबाड़ी है और वे लंबे समय से इसी से जुड़े हुए हैं.

पिछले कुछ सालों से यहां के किसानों ने परंपरागत खेती के साथ-साथ गाजर के उत्पादन में दिलचस्पी दिखाई है और देखते ही देखते ही सभी किसानों ने गाजर उत्पादन में अपना रुझान दिखाना शुरू किया. साधुवाली नाम के इस गांव को देश भर में गाजर की वजह से जाना जा रहा है. यहां पैदा होने वाली गाजर में एक अलग ही तरह की मिठास है, जिसकी वजह इसकी डिमांड देश भर में है. साधुवाली के किसान गाजर की पैकिंग करके देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करते हैं. अब तो साधुवाली को गाजरवाला गांव भी कहा जाने लगा है. 

मशीनों से गाजर धोते किसान

मशीनों से गाजर धोते किसान

सहायक निदेशक उद्यान प्रीती गर्ग का कहना है कि यहां नहर का पानी भरपूर मिलता है. सर्दियों में जमीन में नमी ज्यादा रहती है और ठंड से गाजर में मिठास और रंग, दोनों अच्छे आते हैं. लगभग 3 महीने तक रोजाना 6-7 हजार क्विंटल गाजरों की धुलाई के लिए श्रीगंगानगर के आसपास की नहरों पर करीब 100 मशीनें लगी हुई हैं. विभाग ने किसानों को गाजर धोने की मशीन के लिए अनुदान भी दिया गया है. प्रीती गर्ग का कहना है कि, अगर किसानों को सरकारी स्तर पर और सहायता मिले तो गाजर की खेती को और बढ़ावा मिल सकता है.

गाजर उत्पादन के बाद किसानों के चेहरों पर खुशी तो है ही साथ ही किसानों का कहना है कि वे उत्पादन के दम पर अपनी पहचान बना रहे हैं लेकिन, सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास तवज्जों नहीं दी जा रही है. किसानों की कुछ मांगे हैं जिनको लेकर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ का कहना है कि, गाजर मंडी उनके दादा पूर्व मंत्री और विधायक गुरजंट सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है और प्रदेश में भाजपा की सरकार आयी है, अब श्रीगंगानगर में गाजर मंडी को विकसित करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे.

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