BAP MP Rajkumar Roat: बांसवाड़ा समेत मेवाड़-वागड़ में प्रभाव रखने वाली भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने अलग राज्य के बाद अब 'भील प्रदेश एक्सप्रेस' ट्रेन की भी मांग कर दी है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सांसद राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया. उन्होंने रेलवे कनेक्टिविटी की सुविधा की मांग करते हुए नई ट्रेन की डिमांड कर दी. राजकुमार रोत ने कहा कि संसदीय क्षेत्र बांसवाड़ा-डूंगरपुर में रेलवे कनेक्टिविटी की समस्या है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर में रेलवे परियोजना का उद्घाटन साल 2012 में हुआ, जिसे रतलाम से जोड़ा था. सांसद ने कहा कि आज जिस गति से चल रहा है, उसे देखकर मुझे लगता है कि ट्रेन आने में दस साल और लग जाएंगे. मेरा अनुरोध है कि इस परियोजना को जल्दी पूरा कराया जाए. भूमि अवाप्ति का काम अलग राज्य (मध्य प्रदेश) के जिम्मे हैं, लेकिन आपकी तरफ से भी मॉनिटरिंग होनी चाहिए.
मेवाड़ एक्सप्रेस को डूंगरपुर तक चलाने की मांग
रोत ने कहा, "मैं अनुरोध करूंगा कि 5 साल के भीतर हमारे बांसवाड़ा-प्रतापगढ़ इलाके कीजनता रेल को देखें और उसका लाभ ले सके. साथ ही उदयपुर-दिल्ली तक चलने वाली मेवाड़ एक्सप्रेस को भी डूंगरपुर तक चलाया जाए, क्योंकि डूंगरपुर से दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी नहीं है." बीएपी सांसद ने कहा कि क्षेत्र के लोगों को दिल्ली की यात्रा के लिए पहले उदयपुर आना पड़ता है और वहां से चलने वाले मेवाड़ एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंच पाते हैं. ऐसे में इस ट्रेन को डूंगरपुर स्टेशन तक कनेक्ट किया जाए, ताकि वहां की जनता आसानी से दिल्ली पहुंच पाए.
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन का नामकरण करने की मांग
इसी मांग को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में एक नई ट्रेन 'भील प्रदेश एक्सप्रेस' शुरू की जाए. क्योंकि वहां लंबे समय से इसकी डिमांड चल रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी पदाधिकारी और क्षेत्र की जनता की मांग के अनुसार डूंगरपुर रेलवे स्टेशन का नामकरण राजा डूंगर बरंडा के नाम पर किया जाए. राजकुमार रोत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि बेरोजगार और आरक्षित वर्ग का युवा नौकरी के लिए तरसता है. ऐसे में लगातार हो रहे निजीकरण को रोका जाए या फिर इसमें भी रिजर्वेशन पॉलिसी लागू की जाए.
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