
Rajasthan News: भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत (Mohanlal Roat) ने गुरुवार दोपहर एक्स पर एक पोस्ट करते हुए राजस्थान की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने लिखा, 'हमसे कुछ चाहिए तो खुशी-खुशी मांग लेना, हमारा अध्यक्ष पद भी दे देंगे. अगर हमारे खिलाफ छुपकर साजिश की तो लिख लेना, जहन्नुम भी नसीब नहीं होगा.' यह ट्वीट किसी सामान्य राजनीतिक बयान से कहीं ज्यादा गंभीर है.
तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति
यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब भारत आदिवासी पार्टी राजस्थान में अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद, पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी के युवा और लोकप्रिय नेता राजकुमार रोत ने भाजपा के बड़े नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को 2 लाख 67 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराकर सबको चौंका दिया. इस जीत के साथ ही बीएपी अब राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति बन गई है.

एक ट्वीट और कई सवाल: क्या आदिवासी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है?
क्या पार्टी में चल रही है कोई 'साजिश'?
मोहनलाल रोत के इस ट्वीट के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर उनका इशारा किसकी तरफ है? क्या यह ट्वीट पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता या फिर किसी गुट की ओर है, जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ काम कर रहा है? राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह सत्ता की लड़ाई का संकेत हो सकता है, जहां कुछ नेता पार्टी के मौजूदा ढांचे में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहते हैं.
राजस्थान की राजनीति पर असर
बीएपी के भीतर की यह संभावित कलह राजस्थान की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है. कांग्रेस और भाजपा के बाद राज्य में एक तीसरी शक्ति के रूप में बीएपी का उदय हुआ है. अगर यह पार्टी अंदरूनी कलह की शिकार होती है, तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस और भाजपा को मिल सकता है. आदिवासी बहुल इलाकों में बीएपी की पकड़ काफी मजबूत है और अगर ये वोट बंटते हैं, तो इसका असर आने वाले चुनावों में साफ नजर आएगा.
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