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सफाई टेंडर में 23.60 लाख रुपये के फर्जी भुगतान का मामला, भाजपा नेता ने प्रशासन पर मिलीभगत का लगाया आरोप

Rajasthan Corruption Case: बारां नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हुआ है. भाजपा नेता और नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष दिलीप शाक्यवाल ने मानसून से पहले नाला सफाई टेंडरों में गबन और फर्जी भुगतान का आरोप लगाया है.

सफाई टेंडर में 23.60 लाख रुपये के फर्जी भुगतान का मामला, भाजपा नेता ने प्रशासन पर मिलीभगत का लगाया आरोप
नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष दिलीप शाक्यवाल

Baran Municipal Council: राजस्थान के बारां नगर परिषद में भष्टाचार का मामला सामने आया है. इस मामले को भाजपा नेता और नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष दिलीप शाक्यवाल ने मीडिया के सामने उजागर किया है. शाक्यवाल ने नगर परिषद में मानसून से पहले नाला सफाई टेण्डरों में हुए गबन के जांच की मांग की है. साथ ही नगर परिषद में जमा 23.60 लाख की राशि के फर्जी भुगतान को रूकवाने और पहले किए गए गबन जांच करवाने की बात कही है. शाक्यवाल का आरोप है कि ठेकेदार फर्म श्रीराम डवलपर्स एण्ड सप्लायर्स के मालिक सतीश नागर को कार्यादेश जारी किए गए उन तीनों कार्यों के कार्यादेश एक ही फर्म को जारी किए गए हैं.

सफाई टेंडर में भ्रष्टाचार का मामला

शहर में नालों की सफाई में हुए भ्रष्टाचार की बात कहते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 15 मिनट की बरसात में शहरभर में गंदगी फैल जाती है और बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है. इसके लिए दोषी कर्मचारियों-ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग उन्होंने जिला कलक्टर, बारां से की थी. साथ ही उन्होंने बताया कि नगर परिषद बारां के सभापति और सौरभ जिन्दल आयुक्त नगर परिषद को पत्र लिखकर इस सफाई टेण्डर में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की थी.

उनका आरोप है कि अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर इस शिकायत को नजरअंदाज किया गया. और सफाई काम जो हरसाल लगभग 45 दिन तक चलता था, उसे केवल मात्र 15 दिन में ही पूरा कर दिया गया. इसका असर भी देखने को मिला जिससे लोग आज भी परेशान हैं.

मिलीभगत का आरोप

शाक्यवाल ने अरोप लगाया कि नाला सफाई टेण्डर संबंधित कार्य नगर परिषद बारां के जूनीयर इंजीनियर श्याम मनोहर शर्मा की देखरेख में हो रहा था, इस टेण्डर पर उनके ही हस्ताक्षर हो रहे है. इस सम्बन्ध में जब शिकायत हुई तब श्याम मनोहर शर्मा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा नाला सफाई का कार्य नियमानुसार नहीं होने के कारण बिलों के भुगतान पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया.

उन्होंने बताया कि सौरभ जिन्दल आयुक्त एवं  भुवनेश मीणा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बारां द्वारा संवेदक सतीश नागर से मिलीभगत कर इस कार्य के भुगतान की प्रक्रिया के लिए दूसरे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रिंकू सिंह को नियुक्त कर दिया गया. सतीश नागर पूर्व सभापति कमल राठौर का ही व्यक्ति है.

फर्जी भुगतान को रोकने के लिए लिखा पत्र

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि एक दूसरे प्रकरण में नगर परिषद बारां में सरोज कुमार बडजात्या, सुनील कुमार पिपलानी के नाम से जमा राशि का तत्कालीन सभापति नगर परिषद बारां कमल राठौर द्वारा किए गए गबन की जांच और तथ्यों को छुपाते हुए 23.60 लाख रूपए के फर्जी भुगतान को रूकवाने को लेकर पत्र लिखे गए है.

पूर्व सभापति कमल राठौर द्वारा पहले ही किए गए गबन को छुपाने और नगर परिषद से षडयंत्र पूर्वक राशि निकालने की साजिश के तहत किया जा रहा है.

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