Rajasthan : राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्वती-कालीसिंध-चंबल और ईआरसीपी को लेकर आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि राजस्थान विधानसभा की सात सीटों के उपचुनाव के दौरान इन दोनों परियोजनाओं का शिलान्यास न किया जाए, क्योंकि ऐसा करना नैतिक रूप से अनुचित है.
कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट है ये दोनों- टीकाराम जूली
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि यह परियोजना कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट है और वे इसके शिलान्यास के खिलाफ नहीं हैं. कांग्रेस बार-बार मांग कर रही है कि इसे राज्य हित में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना चाहिए. तभी राजस्थान के हितों की रक्षा हो सकेगी.
भाजपा- कांग्रेस समझने में रही विफल-टीकाराम जूली
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को समझने में विफल रही है. कांग्रेस की सत्ता के समय इसके लिए करीब दस हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था. साथ ही ईआरसीपी कॉरपोरेशन का गठन भी किया गया था. इसके अलावा हाड़ौती की कालीसिंध नदी पर बना नोनेरा बांध ईआरसीपी परियोजना के तहत बना पहला डैम था. साथ ही इस परियोजना में ईसरदा बांध का भी पुनर्निर्माण किया गया जिससे छह शहरों और 1250 गांवों की पेयजल समस्या का समाधान किया गया.
उपचुनाव के दौरान ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है- टीकाराम जूली
उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर काम काफी पहले शुरू हो चुका है, जिसके तहत नए बांध भी बनाए गए हैं, फिर भी अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करना चाहते हैं तो हम राजस्थान के व्यापक हित में इसका विरोध नहीं कर रहे हैं. लेकिन उपचुनाव के दौरान ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. उन्हें मतदान के बाद इसका शिलान्यास करना चाहिए और उसी मौके पर इसे राष्ट्रीय परियोजना भी घोषित करना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग को करेगी सूचित
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री से शिलान्यास करवाने की भाजपा सरकार की कोशिश गलत है. अगर प्रधानमंत्री कार्यालय इसकी इजाजत देता है तो यह उसकी गरिमा पर सवाल खड़ा करता है.13 नवंबर को मतदान से पहले शिलान्यास नहीं होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी इस बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराएगी और चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग करेगी.
27 अक्टूबर को होगा शिलान्यास
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भले ही राज्य की भाजपा सरकार 27 अक्टूबर को जयपुर के निकट दादिया गांव में जनसभा की आड़ में शिलान्यास करना चाहती है, लेकिन जयपुर जिले में आचार संहिता लागू नहीं है. लेकिन जयपुर के पड़ोस में कई जिलों में उपचुनाव हैं. इस जनसभा और प्रस्तावित शिलान्यास का उद्देश्य उपचुनाव में राजनीतिक लाभ लेना है.
13 नवंबर को होने हैं उपचुनाव
पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना के दायरे में आने वाली दौसा, देवली-उनियारा और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इसलिए इस परियोजना का शिलान्यास 13 नवंबर के बाद किया जाना चाहिए. अठारह दिन में परियोजना की स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
13 नवंबर के बाद उचित तरीके से करेगा शिलान्यास
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. राज्य सरकार और भाजपा प्रदेश में उपचुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस परियोजना का शिलान्यास करवाकर मतदाताओं को प्रभावित करना चाहती है. सरकार को चाहिए कि करीब सत्तर हजार करोड़ की इस महत्वपूर्ण परियोजना का शिलान्यास 13 नवंबर के बाद उचित तरीके से शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री से करवाए। इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस समय यह शिलान्यास नैतिक रूप से अनुचित है.
कांग्रेस की भारी जीत से घबरा गई है बीजेपी
आगे नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा कुछ भी कर ले, प्रदेश की जनता उसे हराने का मन बना चुकी है. भाजपा सात सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत रही है. इसलिए वह कांग्रेस की भारी जीत से घबरा गई है और सत्ता का दुरुपयोग करने पर तुली हुई है. पीकेसी-ईआरसीपी जैसी महत्वपूर्ण परियोजना जिससे राजस्थान के एक बड़े क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान होगा, ऐसी परियोजना को भाजपा राजनीतिक नजरिए से देख रही है, जो पूरी तरह से अनैतिक है.