प्रदेश में 17 सितंबर से शुरू हुए शहरी सेवा शिविर और ग्रामीण सेवा शिविरों ने 18 विभागों की सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई गईं, जिससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिली है. 17 सितंबर से 25 अक्टूबर तक 1 लाख 99 हजार से अधिक पट्टे वितरित किए गए हैं, जबकि 2 लाख 67 हजार से अधिक मंगला पशु बीमा पॉलिसियां जारी हुई हैं. इसके अलावा 1 लाख 25 हजार से अधिक जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीकरण, 2 लाख 8 हजार से अधिक जाति प्रमाण पत्र और 1 लाख 75 हजार से अधिक मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं.
24 लाख से ज्यादा मरीजों का उपचार
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इन शिविरों ने बड़ा असर दिखाया है. 17 लाख से अधिक किशोरियों और गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच, 10 लाख 96 हजार नागरिकों की टीबी जांच और 24 लाख 84 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया गया है. वहीं 75 हजार से अधिक बुजुर्गों को वय वंदन कार्ड जारी किए गए हैं.
1.56 लाख से अधिक भू-राजस्व शुद्धिकरण
ग्रामीण इलाकों में इन शिविरों के जरिए 1 लाख 56 हजार से अधिक भू-राजस्व शुद्धिकरण और 1 लाख 25 हजार से अधिक नामांतरण प्रकरणों का निस्तारण हुआ है. साथ ही 1 लाख 19 हजार किसानों का फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण किया गया. जन आधार योजना में 1 लाख 14 हजार से अधिक पात्रों का संशोधन और अद्यतन हुआ, जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर 97 हजार से अधिक प्रकरण निपटाए गए.
ग्रामीण शिविरों में कामों को बनाया सरल
ग्रामीण शिविरों में रजिस्ट्री, पट्टे, नामांतरण, प्रमाण पत्र और योजनाओं से जोड़ने जैसे कार्य हुए, वहीं शहरी शिविरों में सड़कों, नालियों और सीवर की मरम्मत के साथ जन्म-मृत्यु या विवाह पंजीकरण, एनओसी, टैक्स जमा, भवन स्वीकृति और प्रमाण पत्र जारी करने जैसे कार्यों को सरल बनाया गया.
यह भी पढ़ें: बांसवाड़ा में सोने की खान, कांकरिया गांव के 3 KM क्षेत्र में 11 करोड़ टन शुद्ध GOLD मिलने का अनुमान