Rajasthan TOD Policy: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में बढ़ते ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, अव्यवस्थित भूमि उपयोग और आर्थिक हानि जैसी चुनौतियों को देखते हुए राज्य सरकार ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) के रूप में एक नई और दूरदर्शी शहरी नियोजन नीति को अपनाने की दिशा में अग्रसर है. जिसका अनुमोदन मंत्रिमंडल बैठक में किया गया. विभाग द्वारा जल्द ही अधिसूचना जारी कर इसे सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा.
क्या है TOD नीति
TOD एक आधुनिक शहरी विकास मॉडल है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन स्टेशनों के आसपास कॉम्पैक्ट, मिश्रित-उपयोग एवं उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों का विकास करना है. यह पैदल एवं गैर-मोटर चालित परिवहन (NMT) को प्रोत्साहित कर शहरों को अधिक सुगम, पर्यावरण-अनुकूल और रहने योग्य बनाता है. राजस्थान के शहरों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण, कंजेशन और अव्यवस्थित विस्तार को देखते हुए राज्यस्तरीय TOD नीति की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यह नीति भूमि उपयोग और परिवहन के बेहतर समेकन के साथ लोगों और रोजगारों को सार्वजनिक परिवहन के निकट लाकर शहरों में कम दूरी पर सहज आवागमन सुनिश्चित करेगी.
TOD के माध्यम से मेट्रो, आरआरटीएस जैसे बड़े परिवहन निवेशों का अधिकतम लाभ उठाया जा सकेगा. यह पुराने आवासीय क्षेत्रों के पुनरुद्धार, नए आवास विकल्पों के निर्माण, आर्थिक केंद्रों के विकास और महत्वपूर्ण नोड्स पर भूमि मूल्य में वृद्धि के अवसर प्रदान करेगा. इसके साथ ही ट्रैफिक दबाव में कमी, सार्वजनिक परिवहन की सवारी में वृद्धि और प्रदूषण में दीर्घकालिक कमी जैसे परिणाम सुनिश्चित होंगे.
TOD नीति लाकर शहरी विकास को अधिक संतुलित
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री, झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि राजस्थान के शहरों को भविष्य के अनुरूप ढालने के लिए TOD एक निर्णायक कदम है. यह न केवल सुगम एवं स्मार्ट गतिशीलता को बढ़ावा देगा, बल्कि शहरों की आर्थिक क्षमता और रहने की गुणवत्ता को भी नई दिशा देगा. राज्य सरकार एक प्रभावी TOD नीति लाकर शहरी विकास को अधिक संतुलित, टिकाऊ और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा लागू TOD नीति के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन आधारित शहरी विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, पैदल एवं साइकिल अनुकूल बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जाएगा , मिश्रित उपयोग वाले, कॉम्पैक्ट और उच्च घनत्व क्षेत्रों का निर्माण होगा , ट्रैफिक जाम, दूरी और प्रदूषण में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे , साथ ही इस से आर्थिक गतिविधियों में तीव्रता एवं सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा . राज्य सरकार का यह कदम राजस्थान के शहरों को अधिक व्यवस्थित, आकर्षक और भविष्य-उन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.
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