Bharatpur Carrot Farming: भरतपुर जिले के एक किसान हेतसिंह की तकदीर खेती ने बदलकर रख दी. पारंपरिक खेती से हटकर खेती करने से किसान की आर्थिक स्थिति न सिर्फ मजबूत हुई है, बल्कि 3 साल पहले किसान ने ट्रक चलाने का काम भी बंद कर दिया. लेकिन मंडी में हुई एक व्यक्ति की मुलाकात ने उसका भाग्य बदल दिया. उसके पास 5 बीघा भूमि है, जिसमें वह पारंपरिक खेती करता था. इसके बावजूद भी उसकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो वह चालक का काम करने लगा. एक दिन आगरा की सब्जी मंडी में उसकी मुलाकात एक किसान से हुई, जिसने गाजर की खेती करने का आइडिया दिया.
इस आईडिया के बाद किसान कि किस्मत बदल गई, और उसने 4 बीघा भूमि में गाजर की खेती शुरू की. कम लागत में दुगना मुनाफा मिलने से किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई. साथ ही 4 महीने में लाखों रुपये की इनकम हो रही है.
12 हजार खर्चा 40 हजार मुनाफा
रूपवास उपखंड के गांव बुराना के किसान हेतसिंह ने बताया कि उसके पास 5 बीघा भूमि है. खेती से जुड़ाव होने के चलते किसान ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन फिरभी उसे मुनाफा नहीं हो रहा था. खेती से हारकर किसान ने ट्रक चलाने का काम शुरू किया. इस दौरान 3 साल पहले उत्तर प्रदेश की आगरा सब्जी मंडी में UP के मथुरा जिले के मनोरपुर गांव के किसान राम किशन से मुलाकात हुई. उसने गाजर की खेती करने का आइडिया दिया. उसके बाद उसके सम्पर्क में रहकर गाजर की खेती 4 बीघा भूमि में शुरू की. एक बीघा में 12 हजार रुपये के खर्चा के बाद 35 से 40 हजार रुपये का मुनाफा होता है.
4 महीने में तैयार हो जाती फसल
किसान ने बताया कि अब मुझे पारंपरिक खेती की बजाय गाजर की खेती में अच्छा मुनाफा होता है. यह फसल 4 महीने की है. 4 महीने के बाद अन्य खेती कर लेता हूं. पहले में ट्रक चलाता था लेकिन अब मैं ट्रक चलाने का काम छोड़ दिया है और मन लगाकर के खेती कर रहा हूं. जिससे मेरे परिवार का पालन पोषण ढंग से होने के साथ बचत भी हो रही है.
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